खास समाचार : छत्तीसगढ़ में DMF घोटाले पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, चार जिलों में कारोबारियों के ठिकानों पर छापा

खास समाचार : छत्तीसगढ़ में DMF घोटाले पर एसीबी-ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, चार जिलों में कारोबारियों के ठिकानों पर छापा

छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीमों ने बुधवार सुबह रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग और धमतरी में बड़ी छापेमारी की। यह कार्रवाई DMF (डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड) घोटाले से जुड़े सरकारी सप्लाई और अवैध कमीशन लेन-देन की जांच के लिए की गई। जांच में कई कारोबारियों के घर और ठिकानों से दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड जब्त किए गए।

रायपुर में कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश

रायपुर के पचपेड़ी नाका स्थित वॉलफोर्ट इन्क्लेव में टीम ने अशोक और अमित कोठारी के घर पर छापेमारी की। ये दोनों इक्विपमेंट सप्लाई के कारोबार से जुड़े हैं। पुलिस ने इनसे संबंधित लेन-देन और सप्लाई दस्तावेज जब्त किए।

राजनांदगांव में तीन ठिकानों पर कार्रवाई

राजनांदगांव में छापेमारी के दौरान तीन कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी गई:

  • राधाकृष्ण अग्रवाल – कोल माइंस के कारोबारी
  • ललित भंसाली – टेंट और सरकारी स्कूलों के सामान के सप्लायर
  • यश नाहटा – कंप्यूटर, टीवी और अन्य सरकारी सप्लाई का कारोबार

पुलिस इन सभी से आर्थिक दस्तावेज और बिल जब्त कर रही है ताकि घोटाले का पूरा नेटवर्क उजागर किया जा सके।

दुर्ग और धमतरी में जांच

दुर्ग के महावीर नगर में कारोबारी नीलेश पारख के ठिकानों पर जांच हुई।
धमतरी के सिर्री में EOW की टीम ने सुबह 7 बजे ठेकेदार अभिषेक त्रिपाठी के घर 5 घंटे तक छापेमारी की।

DMF घोटाले का खुलासा

DMF फंड के तहत सरकारी सप्लाई में अनियमितताओं और कमीशन लेन-देन का मामला सामने आया है।
ED की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी और 420 के तहत केस दर्ज किया है। जांच में पाया गया कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड का गलत उपयोग कर टेंडर आवंटन में अवैध लाभ दिया गया।

मुख्य आरोपियों और कमीशन वितरण

जांच में सामने आया कि टेंडर देने वाले और बिचौलिए मिलकर पैसे कमाने में शामिल थे। प्रमुख आरोपी हैं:

संजय शिंदे, अशोक अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, ऋषभ सोनी, मनोज द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर।

कमीशन का वितरण:

  • कलेक्टर: 40%
  • सीईओ: 5%
  • एसडीओ: 3%
  • सब इंजीनियर: 2%

फंड खर्च के नियम बदलकर मटेरियल सप्लाई, ट्रेनिंग, कृषि उपकरण, खेल सामग्री और मेडिकल उपकरण जैसी परियोजनाओं में अधिकतम कमीशन सुनिश्चित किया गया।

बड़ा आर्थिक घोटाला उजागर

कोरबा में हुए DMF स्कैम का आकार 575 करोड़ रुपए से अधिक है। एसीबी ने रायपुर कोर्ट में 6 हजार पेज का चालान पेश किया है, जिससे पूरे घोटाले की पोल खुली है।

अगले कदम और सतर्कता

पुलिस टीम अब सभी दस्तावेजों और लेन-देन की जांच कर रही है। बॉर्डर और प्रमुख शहरों में सतर्कता बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी नई तस्करी या भ्रष्टाचार को रोका जा सके।