त्रिशताब्दी जन्मजयंती पर पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर को नमन — भिलाई में हुआ दो दिवसीय सांस्कृतिक आयोजन

संस्कार भारती के कलाकारों ने प्रस्तुत की ऐतिहासिक नाटक, संगीत और नृत्य के माध्यम से रानी अहिल्याबाई के जीवन का भावपूर्ण चित्रण

त्रिशताब्दी जन्मजयंती पर पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर को नमन — भिलाई में हुआ दो दिवसीय सांस्कृतिक आयोजन

राष्ट्र निर्माण में समर्पित पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर भिलाई स्थित संत श्री गजानन मंदिर सभागृह में 7 व 8 जून 2025 को दो दिवसीय भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में भरथरी शैली की प्रस्तुति, नाटक, भजन, और प्रेरणादायक संगीत ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कलाकारों ने अहिल्याबाई के त्याग, नेतृत्व और सनातन मूल्यों पर आधारित जीवन दर्शन को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।

दुर्ग। पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जन्मजयंती (1725–2025) के पावन अवसर पर भिलाई के संत श्री गजानन मंदिर सभागृह, हुडको में 7 और 8 जून 2025 को एक भावपूर्ण दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का प्रथम दिवस भरथरी शैली में प्रांजल राजपूत एवं उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत नाट्य के साथ आरंभ हुआ, जिसमें रानी अहिल्याबाई के जीवन प्रसंगों को सरस शैली में दर्शाया गया। तत्पश्चात संस्कार भारती दुर्ग-भिलाई के कलाकारों ने मंच पर जीवंत नाटक प्रस्तुत कर दर्शकों को रानी के आदर्शों, नारी सशक्तिकरण और शासन कुशलता की झलक दिखाई।

द्वितीय दिवस पर संस्कार भारती नागपुर के ख्यातिप्राप्त कलाकारों ने संगीत-नाटक की प्रस्तुति दी, जिसका नेतृत्व श्री गजानन रानाडे ने किया। इस नाटक की संकल्पना भी उन्हीं की थी। लेखन, संवाद एवं प्रमुख अभिनय विख्यात अभिनेत्री दीपाली घोंगे द्वारा किया गया, जिन्होंने रानी अहिल्याबाई की भूमिका निभाकर दर्शकों को आत्मविभोर कर दिया।

गायन में अमर कुलकर्णी, निधि रानाडे और सोहम रानाडे की प्रस्तुति ने भावनात्मक लहरें उत्पन्न कीं। वाद्य संयोजन में आनंद मस्ते, सागर, अथर्व शेष एवं गजानन रानाडे ने सराहनीय योगदान दिया।

गीतों की प्रस्तुति – "वैष्णव जन तो तेने कहिए", "हम करें राष्ट्र आराधन", "ॐ नम: शिवाय", आदि ने देशभक्ति और भक्ति रस से ओतप्रोत वातावरण रचा।

मुख्य अतिथि श्री रिखी क्षत्रिय (प्रांत अध्यक्ष), श्री कीर्ति व्यास (दुर्ग इकाई अध्यक्ष) एवं श्री बसंत कापरे (संस्थापक) ने नागपुर से आए कलाकारों का पुष्प देकर स्वागत किया और सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। चित्रकला व रंगोली कलाकारों का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति धारकर ने किया और आभार प्रदर्शन श्री हेमंत सगदेव ने किया।

उपस्थित गणमान्य नागरिकों में श्री संजय तनखीवाले, श्री मिलिंद गुजर, श्री एम. आर. नायडू, श्री डी. के. श्रीवास्तव, श्री कार्तिक भोसले, श्रीमती गीता दीक्षित, श्रीमती शोभना व्यास, श्रीमती नीलिमा सगदेव, प्रशांत क्षीरसागर आदि सम्मिलित रहे। कार्यक्रम का समापन “वंदे मातरम्” की सामूहिक प्रस्तुति के साथ हुआ।