ब्रेकिंग न्यूज : छत्तीसगढ़ में सियासी भूचाल: भूपेश बघेल और बेटे चैतन्य के घर ED का छापा
शराब घोटाले में बड़ा एक्शन, 2100 करोड़ के मामले में 14 जगहों पर एक साथ रेड, कांग्रेस ने बताया ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’

राज्य की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। सोमवार सुबह भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पहुंची। शराब घोटाले की जांच के तहत बघेल परिवार और उनसे जुड़े करीबियों के ठिकानों पर छापे पड़े हैं। कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की दबाव की राजनीति बताया है, जबकि बीजेपी का कहना है – "जिसने कुछ नहीं किया, उसे डर कैसा?"
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल के घर पर सोमवार सुबह तड़के ED की टीम ने दस्तक दी। चार गाड़ियों में आई टीम ने उनके भिलाई-3, पदुमनगर स्थित आवास में दस्तावेजों की जांच शुरू की। इसी दौरान उनके बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई। शराब घोटाले की जांच के तहत यह छापा मारा गया है। ED के अनुसार, 2100 करोड़ रुपये के इस कथित घोटाले में चैतन्य बघेल को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया था।
कहां-कहां पड़े छापे?
कुल 14 ठिकानों पर छापेमारी हुई, जिनमें शामिल हैं:
चैतन्य बघेल के करीबी लक्ष्मीनारायण बंसल और पप्पू बंसल
मनोज राजपूत (नेहरू नगर, भिलाई)
अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह (चरोदा)
कमल अग्रवाल (किशोर राइस मिल, दुर्ग)
सुनील अग्रवाल (सहेली ज्वेलर्स, दुर्ग)
अजय चौहान (बिल्डर)
राजनीतिक तूफान तेज
इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है।
भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा –
“7 साल पुराने झूठे केस को कोर्ट खारिज कर चुका है। अब ED को भेजकर डराने की कोशिश हो रही है। ये पंजाब में कांग्रेस को रोकने की साजिश है।”
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा –
"भाजपा संसद सत्र से पहले हेडलाइन बदलना चाहती है। अर्थव्यवस्था, महंगाई, वोटर्स लिस्ट फ्रॉड जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।"
सचिन पायलट, दीपक बैज और अन्य नेताओं ने भी इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया।
पूर्व सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा –
“भूपेश बघेल की लोकप्रियता और पंजाब में उनकी सक्रियता भाजपा को डरा रही है।”
भाजपा का जवाब:
डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा –
“बघेल के कार्यकाल में घोटाले हुए हैं, जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं। यदि आप बेगुनाह हैं, तो घबराने की क्या जरूरत?”
ED का दावा क्या है?
ED के मुताबिक, IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD एपी त्रिपाठी, और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने शराब घोटाले को अंजाम दिया। इस गिरोह को कथित रूप से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था।
पृष्ठभूमि में महादेव सट्टा ऐप मामला भी
इससे पहले भी महादेव सट्टा ऐप केस में भूपेश बघेल का नाम सामने आ चुका है। ED की शिकायत पर EOW ने FIR दर्ज की थी। बघेल ने तब भी इसे "राजनीतिक साजिश" बताया था।
ED बनाम कांग्रेस: टकराव तेज
बघेल के घर के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जुटे हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा छत्तीसगढ़ की हार का बदला ले रही है।