डायलॉग बदलने पर भी नहीं थमा 'आदिपुरुष' का विरोध:NSUI ने मनोज मुंतशिर का पुतला फूंका

डायलॉग बदलने पर भी नहीं थमा 'आदिपुरुष' का विरोध:NSUI ने मनोज मुंतशिर का पुतला फूंका

फिल्म आदिपुरुष के विवादित डायलॉग्स बदलने के बाद भी इसके विरोध में चल रहा प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। छत्तीसगढ़ में फिल्म को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। शनिवार को NSUI ने रायपुर में फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर का पुतला फूंका। यहां NSUI कार्यकर्ताओं ने परशुराम मंदिर कोटा से भगवा बाइक रैली निकाली और नालंदा परिसर के सामने हनुमान कुटी मंदिर में कार्यकर्ताओं ने हनुमान चालीसा का पाठ कर फिल्म निर्माताओं को सद्बुद्धि देने की कामना की।

NSUI पश्चिम विधानसभा अध्यक्ष विशाल मानिकपुरी के कहा कि फिल्म आदिपुरुष में जिस तरह के संवाद का इस्तेमाल हुआ है, वह हमारे देवी-देवताओं के खिलाफ है। ऐसे शब्द वाली फिल्म को NSUI रायपुर में चलने नहीं देगी और इसका हम विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही फिल्म में कुछ डायलॉग बदल दिए गए हैं, लेकिन हिंदू देवी-देवताओं के पात्रों का चरित्र चित्रण जिस तरह फिल्म में दिखाया गया है, वे बहुत अपमानजनक है। इससे पहले NSUI कार्यकर्ताओं ने फिल्म आदिपुरुष के प्रदर्शन के विरोध सिनेमाघरों में भी प्रदर्शन किया था। NSUI ने प्रदर्शन और विरोध की कड़ी में अब सिनेमा घरों में तालाबंदी की चेतावनी दी है।

फिल्म आदिपुरुष में कुछ विवादित डायलॉग्स बदले गए हैं।

आदिपुरुष के जिन डायलॉग्स में किया गया बदलाव
- पहले - कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की, और जलेगी भी तेरे बाप की
अब - कपड़ा तेरी लंका का, तेल तेरी लंका का, आग भी तेरी लंका की और जलेगी भी तेरी लंका
- पहले - जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा, हम उनकी लंका लगा देंगे
अब- जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा,हम उनकी लंका में आग लगा देंगे
-पहले- मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेषनाग को लंबा कर दिया
अब - मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेषनाग को समाप्त कर दिया
-पहले - तू अंदर कैसे घुसा,तू जानता भी है कौन हूं मैं
अब - तुम अंदर कैसे घुसे,तुम जानते भी हो कौन हूं मैं