हसदेव के आंदोलनकारियों से नहीं मिलेंगे राहुल गांधी:AICC की सहमति, लेकिन PCC का इनकार; सरगुजा में बंद रहेंगे हाईवे, ट्रैफिक प्लान जारी

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा छत्तीसगढ़ से गुजर रही है। सोमवार को यात्रा सरगुजा के तारा पहुंच गई। यह स्थल हसदेव आंदोलन स्थल से 5 किमी दूर है, लेकिन राहुल वहां के आदिवासियों से मुलाकात नहीं करेंगे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि, AICC चाहता है कि राहुल हसदेव जाएं, लेकिन पीसीसी का कहना है कि उनका वहां ना जाना ज्यादा सही रहेगा। वहीं यात्रा के चलते सरगुजा में सुबह से हाईवे बंद है। पुलिस ने इसके लिए ट्रैफिक प्लान जारी किया है।
राहुल गांधी की यात्रा की रूट की घोषणा के दिन से ही यह चर्चा थी कि इसका प्रमुख पड़ाव सरगुजा होगा। हसदेव जाकर राहुल आंदोलन कर रहे आदिवासियों के साथ मुलाकात करेंगे। फाइनल रूट आने के बाद भी यह चर्चा थी कि यात्रा के दौरान यह तय होगा की राहुल हसदेव जाएंगे या नहीं।
AICC की सहमति, PCC का इनकार
AICC मानती है कि छत्तीसगढ़ के लिहाज से हसदेव बड़ा सियासी मुद्दा है। यात्रा में शामिल सूत्रों के अनुसार, पीसीसी डेलिगेट्स जनवरी में हसदेव गया था वहां आदिवासियों की नाराजगी कांग्रेस पार्टी के प्रति साफ़ देखने को मिली थी ऐसे में राहुल के जाने से कोई नया विवाद न हो। इसलिए पीसीसी उनके हसदेव जाने के पक्ष में नहीं है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी राहुल की यात्रा से पहले जनवरी में हसदेव गए थे। इस दौरे के जरिए बैज यात्रा को लेकर आंदोलनकारियों के बीच माहौल बनाना चाहते थे। वहां आदिवासियों ने कांग्रेस सरकार की गलतियों को बताया, जिसको बैज ने मंच से स्वीकार भी किया था।
यात्रा से पहले हसदेव के दौरे
राहुल की यात्रा का रूट फाइनल होने से पहले हसदेव में यात्रा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हसदेव पहुंचे थे। कुछ दिन आंदोलन में भी शामिल हुए, लेकिन विरोधाभास लगातार महसूस होता रहा। जिसके बाद पार्टी नेताओं ने उनके हसदेव न जाने पर सहमति जताई।
आज यात्रा का तीसरा दिन है
राहुल की यात्रा जा आज तीसरा दिन है। आज यात्रा सरगुजा संभाग के जिलों से होकर गुजरेगी। राहुल अपनी यात्रा के दौरान लगातार लोगों से मुलाकात कर रहे हैं उनकी परेशानियों को सुनते नज़र आ रहे हैं। हसदेव अरण्य के मुद्दे को राहुल लगातार उठाते रहे हैं और अपने हर भाषण में इसका जिक्र करते रहे हैं।