अब नक्सलियों के बाद बाउंसरों का डर: बस्तर में अपहरण और वसूली का नया नेटवर्क उजागर
रायपुर-दुर्ग से बुलाए गए प्राइवेट बाउंसरों ने दंतेवाड़ा के ग्रामीणों को बनाया निशाना, दो स्कॉर्पियो से किया अपहरण, 7 गिरफ्तार, 6 फरार

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में एक नया खतरा उभरता दिख रहा है। जहां पहले नक्सलवाद से भयभीत ग्रामीण जीवन जी रहे थे, वहीं अब प्राइवेट बाउंसरों के जरिए वसूली और अपहरण जैसे अपराध सामने आ रहे हैं। दंतेवाड़ा के गीदम इलाके में दो ग्रामीणों के अपहरण की सनसनीखेज वारदात में रायपुर और दुर्ग के बाउंसरों का नाम सामने आया है।
बस्तर। बस्तर का शांत जंगल अब एक नए किस्म के अपराध से हिल गया है। दंतेवाड़ा जिले के गीदम थाना क्षेत्र में दो ग्रामीणों के अपहरण के मामले ने पुलिस और प्रशासन को चौंका दिया है।
दंतेवाड़ा के नजीम खान नामक व्यक्ति ने रायपुर, दुर्ग और भिलाई से 15 प्राइवेट बाउंसरों को बुलवाकर दो स्थानीय ग्रामीणों हेमंत नेताम और उसके साथी का दो स्कॉर्पियो गाड़ियों से अपहरण कराया। अपहरण के दौरान ग्रामीणों को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए घेराबंदी कर दी। इसके बाद पुलिस की मदद से आरोपियों को मौके पर ही पकड़ लिया गया।
पुलिस ने राजातालाब रायपुर निवासी सलमान खान, आसिफ खान, दुर्ग-भिलाई के शरद कुमार ओझा, ललित कुमार सारथी, यशवंत ठाकुर, रामकुमार थानेकर और श्याम झा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, 6 अन्य बाउंसर फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने दो स्कॉर्पियो वाहन (CG04-QE-4281 और CG08-BC-3721) को भी जब्त कर लिया है, जिनका इस्तेमाल अपहरण में किया गया था।
गीदम थाने में आरोपियों के खिलाफ अपहरण, आपराधिक षड्यंत्र और संगठित अपराध की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस पूरे गिरोह से पूछताछ कर रही है और इस मामले से जुड़े बड़े नेटवर्क के पर्दाफाश की संभावना जताई जा रही है।
यह घटना बस्तर जैसे संवेदनशील इलाके में अपराध के बदलते स्वरूप की ओर संकेत करती है। नक्सलियों के बाद अब प्राइवेट बाउंसरों द्वारा की जा रही वसूली और अपहरण की घटनाएं आम लोगों के लिए नई चिंता का विषय बनती जा रही हैं।