फर्जी CBI अधिकारी बनकर महिला को डराया, 41 लाख की ठगी का पर्दाफाश
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साइबर ठगों का हाई-टेक जाल, फर्जी कॉल कर महिला से ठगे लाखों रुपये
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क्रिप्टोकरेंसी और हवाला के जरिए विदेश भेजी जा रही थी ठगी की रकम
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दुर्ग पुलिस और एसीसीयू की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी सफलता
दुर्ग। साइबर ठगों का जाल हर दिन नया रूप ले रहा है, लेकिन दुर्ग पुलिस की सतर्कता ने इस बार 41 लाख की ऑनलाइन ठगी के मामले का खुलासा कर दो आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने खुद को CBI और दिल्ली पुलिस का अफसर बताकर एक महिला को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी और डराकर लाखों रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। यह पैसा हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजा जा रहा था। पुलिस ने इनके पास से 45 लाख रुपये की फोर्ड इन्डेवर कार, नकदी गिनने की मशीन और कई अहम सबूत बरामद किए हैं।
दुर्ग की रहने वाली फरिहा अमीन कुरैशी (62) के पास 21 जनवरी 2025 को एक वीडियो कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से एक बैंक खाता मिला है, जिसमें 8.7 करोड़ रुपये जमा हैं। आरोपी ने धमकी दी कि अगर वह तुरंत दिल्ली नहीं आईं तो उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग तस्करी का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
डरी हुई पीड़िता को विश्वास में लेकर आरोपियों ने ऑनलाइन पूछताछ का नाटक किया और धीरे-धीरे उनसे 41 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पीड़िता को जब 4 फरवरी को आरोपियों से संपर्क नहीं हुआ, तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
गुजरात में शिकंजा, दो ठग गिरफ्तार
दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के निर्देशन में साइबर सेल ने जांच शुरू की। पता चला कि ठगी की रकम राजकोट नागरिक सहकारी बैंक, मोरबी में स्थित 'आस्था लॉजिस्टिक्स' नामक फर्म के खाते में ट्रांसफर हुई थी। खाता संचालक मनीष दोसी (राजकोट, गुजरात) को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि यह सारा खेल असरफ खान (सुरेंद्रनगर, गुजरात) के इशारे पर हो रहा था। जांच के दौरान आरोपी के मोबाइल में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई ऐप मिले, जिससे स्पष्ट हुआ कि ठगी का पैसा हवाला और डिजिटल करेंसी के जरिए दुबई भेजा जा रहा था।
पुलिस बरामदगी और जब्त संपत्तियां
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45 लाख रुपये की फोर्ड इन्डेवर कार (GJ 13 AR 2422)
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कैश गिनने की मशीन
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क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मोबाइल ऐप और अन्य दस्तावेज
सख्त कानूनी कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को मोरबी और सुरेंद्रनगर (गुजरात) से ट्रांजिट रिमांड पर दुर्ग लाया गया और अदालत में पेश किया गया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 317(2), 317(4), 61(2)(ए) बीएनएस और आईटी एक्ट की धारा 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ठगी करने वाले आरोपी
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मनीष दोसी (46 वर्ष) – निवासी नक्षत्र अपार्टमेंट, मोरबी, गुजरात।
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असरफ खान (45 वर्ष) – निवासी मंजील पार्क, सुरेंद्रनगर, गुजरात।
कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारी
इस सफल ऑपरेशन में निरीक्षक विजय कुमार यादव, सउनि पूरनदास, आरक्षक सुरेश जायसवाल, एसीसीयू टीम के राज कुमार चंद्रा और चित्रसेन साहू की अहम भूमिका रही।
दुर्ग पुलिस अब इस साइबर ठगी गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां संभव हैं।