ब्रेकिंग न्यूज : "वेतन नहीं, काम नहीं : सफाई कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, नगर निगम गेट पर दिया धरना"
दुर्ग नगर निगम के खिलाफ सैकड़ों सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, दो महीने से वेतन न मिलने पर कामकाज ठप, मणिकंचन योजना को लेकर भी विरोध
दुर्ग नगर निगम में सफाई व्यवस्था उस वक्त चरमरा गई जब दो महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर दिया। निगम कार्यालय के मुख्य गेट पर जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसमें कर्मचारियों ने बकाया भुगतान और मणिकंचन केंद्र को लेकर नाराजगी जताई।
दुर्ग। नगर निगम की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। वजह है, दो महीने से वेतन का इंतज़ार कर रहे सफाई कर्मचारियों का आक्रोश। मंगलवार को सैकड़ों कर्मचारी अपनी नाराजगी जताने निगम के मुख्य द्वार पर एकजुट हुए। 'वेतन दो या काम बंद' के नारों के साथ कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया और निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि पिछले दो माह से उन्हें वेतन नहीं मिला है, जबकि कुछ को मिला भी है तो उसमें अनुचित कटौती की गई है। ऐसे हालात में उनके घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। कर्मचारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे तब तक काम पर नहीं लौटेंगे जब तक पूरा बकाया और मणिकंचन योजना से जुड़ी उनकी आपत्तियों का समाधान नहीं होता।
मणिकंचन योजना पर भी विरोध
कर्मचारियों ने मणिकंचन केंद्र को लेकर भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि वे इस केंद्र में काम नहीं करना चाहते और पूर्व की तरह नगर निगम के अंतर्गत काम करना और वेतन प्राप्त करना चाहते हैं। उनका आरोप है कि इस योजना के बहाने उन्हें अस्थायी बनाया जा रहा है और अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
प्रशासन की सफाई
दूसरी ओर महापौर अलका बाघमार ने कर्मचारियों के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि किसी का वेतन लंबित नहीं है और मणिकंचन केंद्र केंद्र सरकार की योजना है, जिसे नगर निगम में लागू किया जाना है। उन्होंने कहा कि बातचीत के रास्ते खुले हैं, लेकिन कर्मचारी उसमें सहयोग नहीं कर रहे।
संकट में शहर की सफाई व्यवस्था
इस प्रदर्शन का असर शहर की सफाई व्यवस्था पर भी पड़ने लगा है। कई वार्डों में कचरा उठाव बंद हो गया है और सड़कों पर गंदगी बढ़ रही है। यदि जल्दी समाधान नहीं निकला तो स्थिति और बिगड़ सकती है।