सीएम भूपेश ने परिवार के साथ काटी धान की फसल:कहा- इस बार हमें भी मिलेगा कर्जमाफी का लाभ, कर्ज लेकर धान बुआई की थी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को बढ़ौना कार्यक्रम में अपने गांव गुरूडीह पहुंचे और पूरे परिवार के साथ पारंपरिक यंत्रों की पूजा की। अपनी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल के साथ हाथ में हंसिया लेकर धान की फसल की कटाई की। सीएम ने कर्जमाफी के सवाल पर हंसते हुए कहा कि पिछली बार हमने कर्ज नहीं लिया था। इस बार उन्हें भी कर्जमाफी का लाभ मिलेगा।
भूपेश बघेल ने कहा कि खलियान से धान सोसायटी में जाना शुरू हो गया। इस बार लोन लेकर धान की फसल बोई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनके नाम पर जितनी भी जमीन है, उसमें वो फलों की फसल लेते हैं। भाजपा के सरकार बनाने के दावों को झूठा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा मान चुकी है कि वो हार रहे हैं। अंकों की गणित के बारे में सीएम ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार पिछली बार से अधिक सीटें मिलेंगी। भाजपा डर रही है कि ऐसा हुआ तो उन्हें फिर से खेलने का मौका नहीं मिलेगा। तीन तारीख तक भाजपा सिर्फ दावा ही कर सकती है।
भिलाई स्टील प्लांट में पैतृक जमीन जाने पर जताई खुशी
भिलाई स्टील प्लांट की जमीन को लेकर सीएम ने कहा कि उनके दादा भिलाई तीन के माल गुजार थे। भिलाई स्टील प्लांट में 18 गांव की जमीन गई थी। उसमें हमारी भी जमीन गई है। इस बात की खुशी है कि हमारी जमीन गई है तो आज लाखों लोगों को उससे रोजगार मिल रहा है।
नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करने को बताया बदले की कार्रवाई
नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई को सीएम बघेल ने बदले की कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड एक ट्रस्ट है। उसने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। वो कोई प्रॉफिटेबल ट्रस्ट नहीं था।
सरदार पटेल, पं. नेहरू और किदवई जैसे महान लोग उस ट्रस्ट के सदस्य थे। राहुल गांधी की एक बात क्या प्रधानमंत्री मोदी को बुरी लग गई कि उन्होंने बदले की कार्रवाई करते हुए नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त कर ली।
पीएम को बातें बुरी लग जाती हैं
भूपेश बघेल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री दूसरों को मूर्खों का सरदार कहते ,हैं तो उन्हें बुरा नहीं लगता। जब दूसरा कोई उन्हें कुछ बोल देता है तो उनको बुरा लग जाता है। जब प्रधानमंत्री को ऐसे शब्द पसंद नहीं है, तो उन्हें भी दूसरों को ऐसे शब्द नहीं बोलने चाहिए। सीएम ने कहा कि अब तो उन्हें कुछ बोलने में भी डर लग रहा है कि न जाने उनकी कौन सी बात पीएम को बुरी लग जाए और वो कब किस पर क्या गाज गिरा दें।
सीएम भूपेश ने धान की फसल काटने का शुभारंभ किया। इसके बाद वो अपने खलिहान भी पहुंचे, जहां धान की कतराई चल रही थी। उन्होंने वहां अपने धान की गुणवत्ता को परखा। सीएम ने अपने हाथों से धान की फसल को लिया और उसे रगड़कर उसकी नमी को देखा।
उन्होंने कहा कि ये धान में नमी को परखने का पुराना तरीका है। पुराने समय में जब धान की नमी को जांचने के साधन नहीं थे तो किसान इसी तरह से अपनी हथेलियों के बीच धान को रगड़कर उसमें मौजूद नमी का पता लगाते थे।