कुंभ में होगा 3 मार्च को संत समागम का कार्यक्रम...कुंभ का कार्यक्रम चलेगा महाशिवरात्रि तक

छत्तीसगढ़ की धर्मस्व नगरी राजिम में आयोजित राजिम कुंभ कल्प में संतों का आना शुरू हो गया है। कुंभ में 3 मार्च को संत समागम का कार्यक्रम आयोजित होगा। यह कार्यक्रम 8 मार्च तक चलेगा। आज शनिवार को नागा साधुओं ने पेशवाई निकाली, जहां अलौकिक श्रृंगार के साथ अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन किया गया।
राजिम कुंभ कल्प मेला में जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ों के नागा संत-सन्यासियों सहित महात्माओं ने भगवान दत्तात्रेय का आह्वान किया। यह पेशवाई दत्तात्रेय मंदिर से शस्त्र पूजन कर शुरू किया गया, जो संत समागम स्थित अपने पंडाल में पहुंचे। जहां विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर भगवान दत्तात्रेय को स्थापित किया गया।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुरुवार-शुक्रवार यानि कुंभ के 7वें दिन को जनकपुरी महाराज, भोलागिरि महाराज, शीतल गिरि महाराज, नागा साधु के अलावा अन्य संत भी पहुंचे थे। इन महाराज और साधुओं के रुकने और इसके साथ ही भोजन, पेयजल की सुविधा शासन उपलब्ध करा रहे हैं। संतों ने कुंभ में दरबार लगाकर श्रद्धालुओं को आशीष वचन देना शुरू कर दिया है। संत समागम कार्यक्रम के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारी भी अलर्ट मोड में आ गए है। राजिम कुंभ में किसी तरह की अव्यवस्था ना फैले, इसलिए पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।
राजिम कल्प कुंभ समिति के सदस्य गिरीश बिस्सा ने बताया कि कुंभ में राजिम कुंभ कल्प में 3 मार्च को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती औैर शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के साथ वृंदावन और मध्यप्रदेश के संत भी पहुंचेंगे। उन्होंने राजिम कुंभ में पहुंचने की सहमति दे दी है।
इसके अलावा डासना देवी मंदिर के महंत और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद महाराज, वृंदावन आश्रम के प्रेमानंद महाराज को भी न्योता दिया गया है। मध्यप्रदेश के गुरुशरण शर्मा पंडोखर सरकार भी राजिम पहुंचेंगे। कुंभ समिति के सदस्यों के अनुसार कथावाचक प्रदीप मिश्रा 4 मार्च को कुंभ में पहुंचेंगे। उनके आने की सहमति मिल चुकी है। मध्यप्रदेश के गुरुशरण शर्मा पंडोखर सरकार भी राजिम पहुंचेंगे। इन्हें न्यौता दिया गया है, जिस पर उन्होंने सहमति दे दी है। राजिम कुंभ कल्प मेला में तीन मार्च से विराट संत-समागम का शुभारंभ होगा।