साय सरकार का पहला बजट 9 फरवरी को, विधायकों ने लगाए 2310 सवाल

विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। 5 फरवरी से 1 मार्च तक चलने वाले इस सत्र के दौरान 9 फरवरी को मुख्य बजट पेश किए जाने के संकेत हैं। वित्त मंत्री ओपी चौधरी सदन में बजट पेश करेंगे।
मुख्य बजट से पहले वे चालू वित्तीय वर्ष के लिए 6 फरवरी को अनुपूरक बजट पेश कर सकते हैं। इससे पहले सोमवार को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। साय सरकार पहली बार मंगलवार को प्रश्नकाल का सामना करेगी। बजट सत्र के लिए 2310 सवाल लगे हैं। विधायकों ने इस बार ऑफलाइन से ज्यादा ऑनलाइन सवाल लगाए हैं। इसमें 2206 सवाल ऑनलाइन लगाए गए हैं, जबकि केवल 104 सवाल ऑफलाइन लगे हैं। ऑफलाइन लगाए गए सवालों में 54 तारांकित और 50 अतारांकित हैं।
2020 और 2021 में लगे सर्वाधिक सवाल
बजट सत्र के लिए पिछली सरकार में दो बार 2300 से ज्यादा सवाल लगे थे। मार्च 2020 के सत्र के लिए सर्वाधिक 3345 सवाल लगे थे जबकि मार्च 2021 के सत्र के लिए 2904 सवाल लगे थे। जबकि सबसे कम सवाल मार्च 2022 के सत्र में लगे थे। उस साल विधायकों ने केवल 1682 सवाल लगाए थे।
किस सत्र में कितने सवाल लगे
सत्र कुल सवाल तारांकित अतारांकित
जनवरी-फरवरी, 2019 2079 1136 943
फरवरी-मार्च, 2020 3345 1767 1578
जनवरी-मार्च, 2021 2904 1539 1365
फरवरी-मार्च, 2022 1682 854 828
फरवरी-मार्च, 2023 1793 918 875
जनवरी-फरवरी, 2024 2310 1154 1156
सत्र में कुल 20 बैठकें, सौ से अधिक ध्यानाकर्षण
सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र में 5 फरवरी से 1 मार्च के बीच कुल 20 बैठकें होंगी। सत्र के लिए विधायकों ने सौ से अधिक ध्यानाकर्षण की सूचनाएं दी हैं। सत्र के दौरान महालेखाकार की रिपोर्ट भी प्रस्तुत होगी। यह पिछली सरकार के 2022-23 के आय व्यय का लेखा जोखा होगा। 9 फरवरी को बजट पेश होने से पहले 7 और 8 फरवरी को सदन के अंदर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी।
आबकारी नीति को मिलेगी मंजूरी
राज्य सरकार नई आबकारी नीति को लेकर आ रही है। सत्र के दौरान राज्य सरकार की नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलेगी। विधानसभा सत्र में गोधन न्याय योजना, धान खरीदी जैसे मुद्दों पर सवाल पूछे जा सकते हैं। पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ नगरीय प्रशासन से लेकर कृषि, ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, जल संसाधन, खनिज विभाग, उद्योग, शिक्षा सहित अन्य विभागों में ढेरो सवाल लगाए गए हैं।
18 साल बाद सीएम पेश नहीं करेंगे बजट
18 साल से वित्त का प्रभार सीएम अपने पास रहता आया है। 18 साल बाद पूर्व आईएएस व रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी को वित्त मंत्री की जिम्मेदारी मिली है। राज्य में वित्त मंत्री बनने वाले वे तीसरे विधायक हैं। इससे पहले वित्त मंत्री के रूप में पहली बार कोरिया के राजा रामचंद्र सिंहदेव ने बजट पेश किया था। वे राज्य के पहले सीएम अजीत जोगी के शासन काल में वित्त मंत्री थे।