'ऑडियो' में आई....दया सिंह-वीणा चंद्राकर की 'बातें' वायरल; नेता प्रतिपक्ष को गालियां......

भिलाई (ए). छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर निगम के उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह और सचेतक वीणा चंद्राकर का एक ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में जहां नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा को गालियां दी गई हैं, वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय के बेटे मनीष पांडेय और कुछ अन्य नेताओं के नाम भी लिए जा रहे हैं।
दरअसल, भिलाई निगम में पूरा मामला वर्चस्व का है। निगम मुख्यालय में कमरा और कुर्सी की लड़ाई चल रही है। यह सारा ऑडियो भी उसी पर बेस्ड है। इसमें जिले के कबाड़ियों, उद्योगपतियों और धर्म कांटा वालों को लाइन-अप करने की बात भी की जा रही है। हालांकि सन टाइम्स इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।
दया सिंह- हां वीणा
वीणा चंद्राकर- भोजू बार-बार फोन कर रहा था। रात में फोन किया सुबह फिर फोन किया।
दया सिंह- ईश्वरी, विनोद और श्याम सुंदर नहीं गए थे। पीयूष और भोजराज गए थे। भोजू ने सबसे पहले बात रखी, फिर पीयूष ने कि, महिला पार्षद नहीं कर पाते हैं। ये 12-13 लोग गए थे। फिर जिलाध्यक्ष आ गया तो सब उठकर चले गए। अभी जिलाध्यक्ष का चल रहा है। भोला बता रहा था।
वीणा चंद्राकर- भोला गया था क्या?
दया सिंह- मैं क्या बोल रहा हूं। अभी जो नहीं गए थे, उनकी बात करना। भोला तो गया था, अपनी बात को रखा। इन लोगों की कोई क्षमता तो है नहीं। अभी जिलाध्यक्ष बात कर ले। अपने लिए कोई निगेटिव नहीं है। मैं उस दिन बोल दिया हूं कि चैंबर देगा तो अपने को तीन कुर्सी लगाना है। उप नेता प्रतिपक्ष का और सचेतक का भी। ये बोल कर आया कि कोई प्रावधान नहीं है। प्रावधान है या नहीं ये हम लोग के हाथ में है। इतना (गाली देते हुए) गंदा आदमी है ना। क्या बोलो… पग-पग में गंदा करता है। कौन विश्वास करेगा इसका।
वीणा चंद्राकर- कोई नहीं करेगा।
दया सिंह - मान लो एक कुर्सी लग भी जाएगी तू बैठ भी जाएगी तो क्या घट जाएगा। मैं सोचता हूं कि मैं नहीं रहूंगा तो तू तो वहां बने रहेगी बैठी रहेगी। जैसे उस दिन प्रेस कांफ्रेंस में मैं नहीं तो तेरे को बैठाकर गया। भाई कोई तो वहां पर रहेगा। अपनी मर्जी तो नहीं चलाएगा ये। मान लो कुछ दिखेगा तो तू मेरे को बता देगी कि ऐसा ऐसा हुआ तो मैं निपटा दूंगा। गलत बोल रहा हूं। इसलिए कुर्सी लगाना चाह रहा था। फिर तेरा दायरा भी तो ऊपर रहे।
वीणा चंद्राकर- असल में वो इसलिए कुर्सी नहीं लगाना चाह रहा है कि, मैं कुछ भी करूंगा तो वीणा सब पास करेगी।
दया सिंह- हां, लेकिन मैं दबाव दिया हूं आयुक्त को। एक तीसरी कुर्सी लगेगी और मैं लगाऊंगा ना। तू कुछ मत बोलना। मैं ही लगाऊंगा, चाहे दबंगई करना पड़े, तेरे को ये बता दूं। ठीक है।
वीणा चंद्राकर- ठीक है ना
दया सिंह- और दूसरी बात, सामान्य सभा में पीछे बैठने वाले काम को खत्म कर दे। तू बाजू में बैठना। ऐसी में जाए तैसी। अब पूरी पद्धति को हम लोगों को चेंज करना है। देख लेना क्या है, क्या नहीं है। दूसरी बात तू सचेतक है तो तेरा स्थान पीछे क्यों रहेगा। अब फ्लैश में आकर करते हैं। मान ले मैं दिखा ना दिखा कभी तो तू दिखे। तू अपना मोर्चा वहां संभाल।वीणा चंद्राकर- हां हां…
दया सिंह- हो गया वो पांडेय का बंद?
वीणा चंद्राकर- हव, आज तो उसकी दुकान नहीं खुली थी।
दया सिंह- अब दोनों को बंद कर दिया, कल रात में ही ताबड़तोड़ कार्रवाई किए हैं। वो छोटू के पास दौड़ कर गया मनीष पांडेय के पास बुलवाने के लिए। क्यों पांडेय है ना वो? तो गए हैं, तो जान दे। इनको भी दौड़ लेने दे, उनको भी दौड़ लेने दे, अब तो बात वैसे ही होगी। बंद तो बंद। दिया हूं खुराक पानी। कल तेरे को बताया कि टीआई को गंदे तरीके से बोला हूं।
वीणा चंद्राकर- हूं हूं….
दया सिंह- बात होगी बंद तो बंद दौड़ने दे… देखते हैं ना मनीष पांडेय खुलवाएगा तो फिर बंद करेंगे, अगर खुलवाता है तो… अब कांग्रेसियों को सपोर्ट करेगा। वही पीतांबर गड्ढा किया है। वही पीतांबर पैसे लाख रुपए कमा रहा है ये लोग सपोर्ट करेंगे तो करने दे देखते हैं ना क्या करते हैं ये लोग।
वीणा चंद्राकर- मैं बोल दूं क्या मनीष को?
दया सिंह- अभी कुछ मत बोल। तेरे पास जब बात आएगी तब। टीआई को तो मैं बोला, अपना परिचय देकर दबाव बनाया। कहा छावनी में का क्या जीना हराम कर दोगे। वहां के पार्षद तेरा नाम लेते हुए बोला मैं… उसका नाम नहीं लिया गिरजा का।
तेरा नाम लेते हुए बोला कि वीणा चंद्राकर जी हैं, वो महिलाओं के हित के लिए कार्य कर रही हैं। वो मदद कर रही और एक तरफ कबाड़ करके क्या तुम लोग वार्ड को कबाड़ बना दोगे, खटाल बना दोगे। तमाशा मचाकर रखे हो। कहां जाना मैं बोला.. बस्तर जाना है या दंतेवाड़ा तय करके बता दो, मैं भिजवा देता हूं।
वीणा चंद्राकर- तो क्या बोला?
दया सिंह- नहीं-नहीं, नहीं भैया, भैया, भैया मैं तुरंत कर रहा हूं भाइया। आपको शिकायत नहीं आएगी। तुरंत हाथ-पैर जोड़ने लगा। इनको यही भाषा समझ आती है। मैं केवल यही बनाऊंगा ग्राउंड। दूसरा इन लोगों को देखते हैं, जो करेगा (गाली देते हुए) वो नतमस्तक होगा।
वीणा चंद्राकर- आया कबाड़ी वाले का, मैं बोली नहीं भइया मैं तो बाहर हूं।
दया सिंह- कबाड़ी वाला किया था, तेरे को फोन किया था?
वीणा चंद्राकर- हव! मैं बोली मैं तो नहीं हूं भइया। रात में भी घर आया तो तो मैं नहीं बुलवा दी।
दया सिंह- (गाली देते हुए) तू थोड़ा चंदा के लिए भिजवाती है तो ये लोग मोटे हो जा रहे हैं। पांडेय जी, मनीष से संबंध हो जाएगा। उससे संबंध हो जाएगा। तो तुम लोग किसी को कुछ समझोगे ही नहीं। मतलब पार्षदों को तुम लोग कुछ समझोगे ही नहीं। (गाली...) मैं तेरे को कल बोला ना कि तू बस शांत रह बाकी मैं जो करना है मैं करूंगा। खुर्सीपार का जो कराया कराया, अब छावनी भी बंद। अभी वैशाली नगर ध्यान नहीं दे रहा हूं।
वीणा चंद्राकर- अब थोड़ा ना धर्म कांटा वाले में ट्रैफिक डीएसपी को थोड़ा लाइन-अप कर।
दया सिंह- सुन ना धरम कांटा वाले को भी लाइन-अप कर देता हूं। एक-एक करके। अभी ये हो गया ना। फिर तेरा डीएसपी के पास में तू कर ले मैं हो जाता हूं। एक ज्ञापन टाइप बना लेना। डीएसपी सतीश ठाकुर से मेरा है सब कुछ है। कहीं तेरे को दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है। इन लोग जो तेरे को बोना बनाकर रखे हैं ना कि अपनी कर लेंगे ये कर लेंगे। ये सब नहीं करने देंगे।
वीणा चंद्राकर- हूं।
दया सिंह- दूसरा जो फैक्ट्री का भी अपने को लग रहा है। उनकी भी बैंड बजानी है। देख बबा के लिए जो करना था किए अपन… अपन बबा से दूर नहीं हैं। अब बबा तो नहीं बोलेगा ना कि मत कर वीना ऐसा तो नहीं बोलेगा। तू भी अपना तो कर भाई। चुनाव तक तो किए उसका कि भाई बबा का फोन आजाएगा ये हो जाएगा। ये दुनिया ऐसी ही है। डंडा... बोलेंगे। नहीं तो (गाली...) समझते हैं।
वीणा चंद्राकर- अब बबा नहीं करेगा इंटरफेयर। बबा की तरफ से हम स्वतंत्र हैं। जितना करना था दो साल तो हमने मेहनत किया ना उसके लिए।
दया सिंह- मेहनत भी किए और सम्मान भी किए ना हम लोग। किसी को भी परेशान नहीं किए हम लोग। अब तो ये हो गया है। मेरे को नहीं लगता कि बबा तक जाएगा और बबा बोलेगा। जब बोलेगा तो तब देखेंगे।
वीणा चंद्राकर- नहीं बोलेगा। बबा खुद कबाड़ियों के पीछे पड़ा रहता है। बोला था कि सबसे पहले कबाड़ियों पर कार्रवाई होगी।
दया सिंह- वो बात चली गई होगी ना तेरा नाम
वीणा चंद्राकर- हां तो जाने दे ना।
दया सिंह- इन लोगों को अब औकात बताना है, बहुत हो गया शांति शांति ना।
वीणा चंद्राकर- हां…
दया सिंह- बस तू एक बात का हमेशा ध्यान रखना ना। वो तेरे को पहले ही क्लियर कर दे रहा हूं, मैं कि जो करना हो बैंड बजाना हो मैं कर दूंगा। तेरे को शांति से चलना है। ठीक है जो भी हो कोई चीज का निर्णय मत लेना। अगर आकर कोई पैर में गिर गया तो बोलना हां ठीक है देखती हूं। बात करती हूं। वो क्या बोलता है उसका सुनना है।
वीणा चंद्राकर- ठीक है। कल रात में घर आया था, सुबह भी आया तो मैं बोली बोल दे कि घर में नहीं है।
दया सिंह- मैं क्या बोल रहा हूं वीणा इन सबको औकात में रखना है ना।
वीणा चंद्राकर- हां चढ़ भी जाते हैं ना ये लोग सिर में। जब दो साल से मिलने नहीं आए तो अभी क्यों मिलूं मैं इनसे?
दया सिंह- तू बोलेगी तो पूरा दुर्ग जिला बंद करवा दूंगा बे… तू बस दिमाग से अपना काम कर। दबंगई करना है जो करना है वो मैं करूंगा। किसी के प्रभाव में मत आना तू पहली चीज। दूसरा तेरा विश्वास कर रहा हूं। अगर तू नाटक करेगी तो तू खाएगी भी ये बता दे रहा हूं।
वीणा चंद्राकर - वो समझ गया होगा कि यहां ना किसी का प्रभाव काम करना है ना अभाव काम करना है।
अब जानिए इस ऑडियो को लेकर दया सिंह और वीणा चंद्राकर ने क्या कहा...
उप नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता दया सिंह ने इस ऑडियो को फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि, वो ऐसा करने वाले का नाम पता करके मानहानि का केस करेंगे। वहीं भाजपा नेत्री और सचेतक वीणा चंद्राकर ने कहा कि चुनाव के दौरान ऑडियो को लेकर वो कुछ नहीं बोलेंगी, लेकिन उसके बाद इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई जाएगी और ऐसा करने वाले के ऊपर कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष बोले- जिसने गाली दी, उसका विवेक
नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने ऐसे किसी भी ऑडियो की जानकारी होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि यदि किसी ने उन्हें गाली दी भी है, तो वो उसके विवेक के ऊपर निर्भर करता है। सामने वाला खुद तय करे कि किससे किस तरह की बात करना है।