चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में चेम्बर टीम ने आयकर एवं जीएसटी सरलीकरण हेतु केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघावाले जी को सौंपा ज्ञापन
संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री से मुलाकात कर जीएसटी सरलीकरण तथा आम बजट के लिए आयकर सुझाव के लिए ज्ञापन सौंपा।

रायपुर। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ ऑफ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने आज अर्जुनराम मेघवाल केन्द्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री से मुलाकात कर जीएसटी सरलीकरण तथा आम बजट के लिए आयकर सुझाव के लिए ज्ञापन सौंपा।
चेंबर अध्यक्ष श्री पारवानी ने बताया कि ज्ञापन में जीएसटी सरलीकरण एवं विसंगतियो तथा आम बजट हेतु आयकर पर सुझाव प्रस्तुत किये जो निम्नानुसार है। जीएसटी सरलीकरण के लिए सुझाव : 1. एक ही लेनदेन पर दो दो बार ब्याज :-जैसा कि विदित है कि यदि विक्रेता समय पर जीएसटीआर 1/ 3 बी रिर्टन फाईल नहीं करता है, तो उसे देरी से रिर्टन भरने के साथ विलंब शुल्क और ब्याज का भुगतान भी करना पड़ता है एंव चुकी विक्रेता ने समय पर रिटर्न फाईल नही करने पर अगर खरीददार इनपुट क्लेम करता है, तो उसे भी जीएसटीआर 2 बी मे इनपुट नहीं दिखने के कारण ब्याज का भुगतान करना पड़ता है, ऐसी स्थिति मे समान लेनदेन पर दो बार ब्याज लगता है जो की प्राकृतिक नियम के विरुद्व है। अतः आप से निवेदन है, कि विक्रेता देर से रिर्टन भरने की स्थिति में शुल्क के साथ साथ ब्याज भी देतीं है, तो खरीददार के द्वारा इनपुट लेने पर खरीददार से ब्याज नहीं लेना चाहिए। 2.विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए :-जैसा कि विदित है, कि यदि विक्रेता जीएसटी रिटर्न फ़ाइल नहीं करता है, तो खरीददार को इनपुट नहीं मिलता है, भले ही उसने इनपुट से सम्बधित सभी नियमां का पालन कर दिया हो, जैसे-विक्रेता को समय पर भुगतान, वस्तु की प्राप्ति आदि परंतु यह देखा जाता है, कि अगर खरीददार ने इनपुट ले लिया है और इनपुट से सम्बधित सभी नियमां का पालन किया है, तो भी विभाग द्वारा विक्रेता रिटर्न फ़ाइल नहीं करने पर खरीददार को ही परेशान किया जाता है, जो कि प्राकृतिक नियम के विरुद्ध है। क्योंकि विक्रेता की गलती के लिए विक्रेता को छोड़ कर खरीददार को पकड़ा जाता है, जिससे विक्रेता को ऐसी गतिविधि करने के लिए और हौसले बुलंद होते जा रही है जो कि सही नहीं है। आम बजट में आयकर हेतु सुझाव :- 1. खरीदी बिक्री में टीडीएस/टीसीएस जो लग रहा है वह युक्ति संगत नहीं उसमें सुधार होना चाहिए। 2 धारा 80 डी :- जो मेडिक्लेम इंश्योंरेंस से संबधित है। चूंकि वर्तमान में मेडिकल इलाज महंगे हो गये है अतः इसकी सीमा 25 हजार को बढाकर कम से कम 50हजार की महती जररूत है।
बैठक में चेंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कोषाध्यक्ष उत्तम चंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राम मंधान, उपाध्यक्ष हीरा मखीजा, श्रीनिवास रेड्डी, मनोज जैन, मंत्री नीलेश मुन्द्रा, कांति पटेल, मुकेश मोटवानी, सतीश , महेंद्र बगडोरिया सहित अन्य सदस्य शामिल रहे ।