धान बोनी से पहले संकट में किसान: खाद, बीज और बिजली की किल्लत के खिलाफ पटेल चौक पर प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने सरकार पर लगाया कृत्रिम संकट खड़ा करने का आरोप, कहा— किसान जानबूझकर बदहाल किए जा रहे हैं

धान बोनी से पहले संकट में किसान: खाद, बीज और बिजली की किल्लत के खिलाफ पटेल चौक पर प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले ही किसान गहरे संकट में हैं। खाद, बीज और बिजली की भारी कमी से परेशान किसानों ने मंगलवार को पटेल चौक में प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में आधा सैकड़ा से अधिक किसान शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार धान खरीदी से बचने के लिए जानबूझकर कृषि संकट खड़ा कर रही है।

धान की बोनी का समय करीब है, लेकिन प्रदेश के किसान खाद, बीज और बिजली की भारी कमी से जूझ रहे हैं। मंगलवार को इसी मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने पटेल चौक दुर्ग में जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए रैली निकाली और अंततः मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर पिस्दा को सौंपा।

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि पिछले एक महीने से समितियों में मांग की तुलना में केवल 50% खाद का ही भंडारण हो रहा है, जिससे उन्हें कृषि कार्य छोड़कर समितियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। डीएपी और यूरिया जैसे जरूरी खाद समय पर नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे किसान बाज़ार से अधिक दाम में खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं। इस बीच अमानक खाद की खुलेआम बिक्री भी हो रही है, जिससे फसल की गुणवत्ता पर भी खतरा मंडरा रहा है।

इसके अलावा, उच्च गुणवत्ता वाले धान बीजों की अनुपलब्धता ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सिंचाई के लिए ज़रूरी बिजली व्यवस्था भी बदहाल है। कई क्षेत्रों में ओवरलोड ट्रांसफार्मर जल रहे हैं, किसानों के पंप खराब हो रहे हैं और ब्रेकडाउन के वक्त न पर्याप्त कर्मचारी मिल रहे हैं, न मरम्मत की सामग्री।

किसानों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर यह संकट खड़ा कर रही है ताकि वे पूरे पैमाने पर धान की बोनी न कर सकें। इससे धान उत्पादन व उत्पादकता पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने सरकार से तत्काल खाद, बीज और बिजली की आपूर्ति को सामान्य करने, अमानक खाद की बिक्री पर रोक लगाने और ट्रांसफार्मरों की स्थिति सुधारने की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।