भिलाई इस्पात संयंत्र में ब्लूम गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार, तकनीकी नवाचार ने रचा नया मानदंड

एसएमएस-2 के मशीन-5 में एयर मिस्ट सिस्टम अपग्रेड से 130 मी. एवं 117 मी. ब्लूम गुणवत्ता में ऐतिहासिक उछाल, रेल उत्पादन की 'एक्सेप्टेंस रेट' भी पहुँची नई ऊँचाई पर

भिलाई इस्पात संयंत्र में ब्लूम गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार, तकनीकी नवाचार ने रचा नया मानदंड

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने तकनीकी नवाचार और रणनीतिक नेतृत्व के बल पर ब्लूम कास्टिंग की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार दर्ज किया है। स्टील मेल्टिंग शॉप-2 (एसएमएस-2) में एयर मिस्ट कूलिंग सिस्टम के अपग्रेड के बाद संयंत्र न केवल उत्पादन गुणवत्ता में नई ऊँचाइयों पर पहुँचा है, बल्कि देश के रेल अधोसंरचना विकास में भी अपनी भागीदारी को और सशक्त बना रहा है।

दुर्ग, 02 जुलाई 2025 | सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) ने गुणवत्ता उन्नयन की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए स्टील मेल्टिंग शॉप-2 (एसएमएस-2) में ब्लूम कास्टिंग की गुणवत्ता में ऐतिहासिक सुधार दर्ज किया है। विशेष रूप से मशीन-5 से उत्पादित ब्लूम्स, जो कि रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल (RSM) और यूनिवर्सल रेल मिल (URM) के लिए कच्चा माल प्रदान करते हैं, उनमें गुणवत्ता की उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है।

मुख्य महाप्रबंधक एस.के. घोषाल के नेतृत्व में एसएमएस-2 की तकनीकी टीम — टी. गोविंद, एन.के. देथे और एस. देबसीकदर — ने सेकेंडरी कूलिंग ज़ोन की गहन रूट कॉज एनालिसिस कर यह पाया कि एयर मिस्ट सिस्टम में तकनीकी खामियाँ ब्लूम की सतही और आंतरिक गुणवत्ता को प्रभावित कर रही थीं।

समाधान के रूप में, 18 मार्च 2024 को एक इम्प्रूवमेंट प्रपोजल यूनिट (IPU) प्रस्ताव तैयार कर, अंतरराष्ट्रीय कंपनी मेसर्स लेच्लर को तकनीकी उन्नयन का कार्य सौंपा गया। अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में चारों स्ट्रैंड्स पर अपग्रेडेड एयर मिस्ट कूलिंग सिस्टम की सफलतापूर्वक कमीशनिंग हुई।

इस नवाचार का प्रभाव अत्यंत सकारात्मक रहा।

  • 130 मीटर ब्लूम्स की गुणवत्ता FY 2024-25 में जहाँ 60% थी, वह FY 2025-26 की पहली तिमाही में 77.36% तक पहुँच गई।
  • वहीं, 117 मीटर ब्लूम्स की गुणवत्ता 84.01% से बढ़कर 93.60% हो गई।
  • इस सुधार का प्रत्यक्ष प्रभाव रेल निर्माण पर भी पड़ा।
  • URM में निर्मित रेलों की प्राइम एक्सेप्टेंस रेट अप्रैल-जून 2025 के दौरान 93.05% से बढ़कर 96.94% हो गई।
  • कुल एक्सेप्टेंस रेट भी 97.74% से उछलकर 98.84% तक पहुँच गई।

ये आँकड़े न केवल तकनीकी नवाचार की सफलता को दर्शाते हैं, बल्कि एसएमएस-2 टीम की दक्षता, समर्पण और रणनीतिक क्रियान्वयन क्षमता की भी पुष्टि करते हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र का यह कदम न केवल संयंत्र की परिचालन दक्षता को नई ऊंचाई देगा, बल्कि गुणवत्ता, विश्वसनीयता और नवाचार के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। इस सफलता से भारत के रेलवे एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी।