मजदूरी में कटौती को लेकर जनपद का घेराव.....सीईओ ने जांच टीम गठित कर कार्रवाई का दिया आश्वासन...

मजदूरी में कटौती को लेकर जनपद का घेराव.....सीईओ ने जांच टीम गठित कर कार्रवाई का दिया आश्वासन...

दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक स्थित जनपद पंचायत कार्यालय का सैकड़ों मजदूरों ने गुरुवार को घेराव कर दिया। सभी मजदूर ग्राम भनसूली और मोहभट्ठा के रहने वाले हैं। उनका आरोप है कि उन्होंने मनरेगा में जो काम किया है, उसकी मजदूरी में कटौती की गई है। मजदूरों ने अतरिक्त सीईओ को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक पाटन ब्लाक के ग्राम भांसूली और आश्रित ग्राम मोहभट्ठा के सैकड़ों मजदूरों ने मनरेगा के तहत जलाशय के पास सामुदायिक तालाब के गहरीकरण में काम किया था। उन्होंन लगहातार वहां काम किया। इसके बाद तकनीकी सहायक अनिरुद्ध ताम्रकार ने उनकी दो सप्ताह की मजदूरी काट दी है। मजदूरों का कहना है कि उन्होंने तकनीकी सहायक के निर्देशानुसार ही कार्य किया है, उसने उनकी मजदूरी काटकर गलत किया है।

इस बात से नाराज बड़ी संख्या में ग्रामीण गुरुवार सुबह जननपद पंचायत कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। मामला बढ़ते देख वहां पाटन पुलिस भी पहुंची, लेकिन समझाने के बाद भी वो अपनी मांग पर अड़े रहे। मजदूरों ने चेतावनी दी की जब तक उनकी पूरी मजदूरी की राशि नहीं दी जाती है वो ग्राम पंचायत में मनरेगा का किसी भी प्रकार का कार्य नहीं करेंगे। इस दौरान ग्रामीणों के साथ विरोध प्रदर्शन में ग्राम पंचायत की सरपंच लक्ष्मी चंद्राकर, उप सरपंच सहित पंच भी मौजूद रहे।

ग्राम पंचायत की सरपंच ने बताया कि मजदूरों ने तकनीकी सहायक के निर्देश पर गर्मी में काम किया। इसके बाद उसने हर दिन की उनकी मजदूरी में 63 रुपए लगातार 13 दिन तक काटे हैं। इससे गरीब मजदूरों को काफी नुकसान हुआ है। इस मौके पर सरपंच लक्ष्मी चंद्राकर, उपसरपंच मोरध्वज चंद्राकर लोकेश साहू, कमल किशोर चंद्राकर, सुखम्बतीं, इंदिरा, कलिंद्री यादव, सोनिया, संगीता यादव, चमेली यादव, चंदर यादव, सविता कुर्रे, कामेश्वर साहू, रामौती साहू, पुष्पेंद्र साहू, नील कंठ चंद्राकर, होमन साहू, गंगा राम, देवेंद्र धीवर, लोकेश साहू, रोहणी चंद्राकर, टापू साहू, नरेंद्र के, दीपक साहू, सूर्य कांत वर्मा, रोशन , टॉप सिंह साहू, राजेश पटेल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

इस दौरान ग्रामीण ने जनपद पंचायत की अतरिक्त सीईओ को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मामले की जांच की मांग की। मजदूरों का आरोप था कि मजदूरी का कार्य तालाब गहरीकरण में चल रहा था। उसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग भी की जा रही थी। जो तकनीकी सहायक व अन्य अधिकारी हैं वह सिर्फ फोटो खींचने के लिए ही जाते है। सीईओ ने मजदूरों को आश्वासन दिया कि वो इस मामले में टीम गठित कर इसकी जांच करवाएंगी और दोषी पर कार्रवाई करेंगी। इसके बाद मजदूर शांत होकर वापस लौटे।