स्वास्थ्य, पर्यावरण और स्थिरता का संदेश लेकर आया विश्व साइकिल दिवस

इस वर्ष की थीम — "स्वास्थ्य, समानता और स्थिरता" के लक्ष्य को साधने की पहल, प्रशांत क्षीरसागर ने दी प्रेरणा

स्वास्थ्य, पर्यावरण और स्थिरता का संदेश लेकर आया विश्व साइकिल दिवस

हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व साइकिल दिवस केवल एक साधन का उत्सव नहीं, बल्कि सेहत, पर्यावरण और जीवनशैली सुधार की दिशा में एक वैश्विक प्रयास है। इस वर्ष समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी प्रशांत कुमार क्षीरसागर ने साइक्लिंग को लेकर जागरूकता बढ़ाते हुए बताया कि यह दिवस स्वस्थ जीवन और स्थायी भविष्य की दिशा में प्रेरणास्रोत बन रहा है।

भिलाई। दुनियाभर में विश्व साइकिल दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दिन का उद्देश्य केवल साइकिल चलाने की परंपरा को जीवित रखना नहीं, बल्कि इसके स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक लाभों को पुनः जागरूक करना है।

पर्यावरण प्रेमी और समाजसेवी प्रशांत कुमार क्षीरसागर ने इस अवसर पर इस वर्ष की थीम "साइक्लिंग के माध्यम से स्वास्थ्य, समानता और स्थिरता को बढ़ावा देना" पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि साइकिल न केवल शरीर को तंदुरुस्त रखती है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाती है।

रोजाना आधे घंटे साइकिल चलाने से हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा और मानसिक तनाव जैसी कई बीमारियों से बचाव संभव है। साइक्लिंग न केवल एक व्यायाम है बल्कि यह एक सस्ती, सरल और स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने का साधन भी है।

ओम पियूष क्षीरसागर, गीतेश जोशी, और साइकिल प्रेमी बालक नक्श जोशी ने भी इस दिवस पर अपने विचार साझा करते हुए सभी को साइकिल चलाने और स्वस्थ रहने का संदेश दिया।

उनका मानना है कि "साइकिल चलाना कोई खेल नहीं, यह एक अनुशासित और संकल्पित जीवनशैली है, जो हमें हमारे बचपन की सादगी और प्रकृति की निकटता की याद दिलाती है।"