बच्चा छीनकर भागे थे रिश्तेदार, पुलिस ने बिहार से चार गिरफ्तार किए

महिला थाना दुर्ग की त्वरित कार्रवाई — रिश्तेदारों ने ही किया अपहरण, बिहार से चार आरोपी गिरफ्तार, बच्चा मां को सौंपा गया

दुर्ग जिले की महिला थाना पुलिस ने संवेदनशील अपहरण मामले में तेज़ी से कार्रवाई करते हुए 9 माह के मासूम को बिहार से सुरक्षित बरामद कर लिया। अपहरण में शामिल रिश्तेदार समेत चार आरोपियों को पटना और आसपास के इलाकों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने पूर्व में ही एक महिला आरोपी को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

दुर्ग। महिला थाना दुर्ग ने एक नाबालिग बच्चे के अपहरण के मामले में शानदार सफलता हासिल की है। मात्र 9 माह के शिशु को अपहरण कर बिहार ले जाया गया था। पुलिस की दो टीमों ने सघन तलाश के बाद उसे सुरक्षित बरामद किया और चार आरोपियों को धर दबोचा।

मामले की शुरुआत तब हुई जब प्रार्थिया को उसकी रिश्तेदार संगनी बाई और संतोष पाल ने फोन कर कोरगांव (जिला कोंडागांव) बुलाया। 20 जून 2025 को वे उसे और उसके 8 माह 25 दिन के बेटे को बहला-फुसलाकर पहले कोरगांव और फिर पटना (बिहार) के जगनपुरा ले गए। वहां किराए के मकान में कुछ दिन रखने के बाद 8 जुलाई को उसे आरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में बैठा दिया गया, लेकिन रास्ते में दानापुर स्टेशन पर संगनी बाई और संतोष पाल ने बहाने से बच्चे को उसकी गोद से छीनकर ट्रेन से उतर गए और फरार हो गए।

अजनबी जगह और ट्रेन छूट जाने के कार

ण महिला किसी तरह दुर्ग लौटी और महिला थाना पहुंचकर घटना की शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी के निर्देशन में दो टीमें बनाई गईं। एक टीम ने संगनी बाई को कोरगांव से गिरफ्तार कर जेल भेजा, जबकि दूसरी टीम को पटना, नालंदा, बाढ़, घोसवरी और आरा इलाकों में भेजा गया।

इस दौरान पुलिस ने—

1. थाना सिलाव से संतोष पाल, निवासी ग्राम नानंद, जिला नालंदा

2. थाना कंकड़पारा से प्रदीप कुमार, निवासी जगनपुरा पटना

3. थाना बाढ़ से डॉक्टर बादल उर्फ मिथलेश, निवासी जंदी नगर, थाना भदौर

4. थाना घोसवरी से गौरी महतो, निवासी ग्राम चौधराईन चक तारतर

को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से नाबालिग बालक को बरामद कर मां को सौंप दिया गया। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।

इस सफलता में सउनि खुशबू वर्मा, पूर्ण बहादूर सिंह, प्रधान आरक्षक तोरन सिंह, आरक्षक शहबाज खान और अमित दुबे का विशेष योगदान रहा।