रायपुर के सब्जी वाले के बैंक अकाउंट में आए करोड़ों, बाद में पता चला डील सटाेरियों की थी

रायपुर. रायपुर में ऑनलाइन सट्टेबाजी का करोड़ों का कारोबार फल-फूल रहा है आखिर कैसे बड़ी चालाकी से सटोरिए सट्टेबाजी की करोड़ों की रकम कालीन दिन करते हैं इसका खुलासा हुआ है रायपुर के एक सब्जी वाले के खाते में करोड़ों रुपए आ गए इसका ट्रांजैक्शन लगातार हो रहा था और सब्जी वाले को इसकी खबर ही नहीं थी पुलिस ने जांच की तो पता चला यह रकम सटोरियों से जुड़ी हो सकती है इस इसी तरह के अलग-अलग मामलों में रायपुर की पुलिस ने 13 शातिर लोगों को 13 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है अब इनसे करोड़ों रुपए के लेनदेन से रुपयों के लेन-देन के बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है।
रायपुर के एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि गुढ़ियारी लाकर में सब्जी बेचने वाले राजेंद्र कुमार भारती और खमतराई इलाके में बिल्डिंग का काम करने वाले अरुण जाल के खातों में करोड़ों रुपए के लेनदेन होने की बात सामने आई थी इन खाताधारकों की जानकारी के बिना इनके डॉक्यूमेंट पर कुछ लोगों ने बैंक अकाउंट खुलवा लिए और इसमें अपने अवैध कमाई की रकम का लेनदेन किया करते थे इन लोगों ने जब बैंक से संपर्क किया तो गड़बड़ी का पता चला और मामला पुलिस के पास आया इस जांच में इनके से इसकी जांच में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है हमें शक है कि इनका संबंध ऑनलाइन सट्टा ऐप ऑपरेट करने वाले गैंग से हो सकता है आरोपियों से पूछताछ की जा रही है बैंक खातों की डिटेल हम हासिल कर रहे हैं यह भी देखा जा रहा है कि इस तरह से और कितने लोगों के डॉग के डॉक्यूमेंट के आधार पर इन आरोपियों ने खाते खुलवाए और रुपयों का लेनदेन किया।
जब गरीबों को पता चला इनके खातों में करोड़ों थे
गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय लोगों को गैंग के लोगों ने शिकार बनाया। दो लोगों ने शिकायत थाने में दर्ज करवाई। गुढ़ियारी में सब्जी बेचने वाले राजेन्द्र कुमार भारती ने बताया कि उसे दो युवक मिले फ्री सिम की स्कीम बताकर डॉक्यूमेंट लिए। कुछ दिन बाद घर के पते पर कोरियर डाक से एक लिफाफा मिला। इसमें उत्कर्ष स्मॉल फायनेंस बैंक की स्टेटमेंट थी। लिखा था कि उसने 8 मई से 30 जून के मध्य करोड़ो रुपये का लेन-देन किया है। तब भारती ने थाने जाकर शिकायत दी।
अरूण जाल खमतराई इलाके में रहते हैं। वेल्डिंग का काम करने वाले अरुण की पत्नी रजत अग्रवाल नाम के व्यक्ति के घर पर काम करती थी। अग्रवाल ने कहा कि उसे अर्जेन्ट मंे बैक खाता खुलवाना है। अपने डॉक्यूमेंट दे दो बाद में खाता उन्हें सौंप देगा। बाद में बैंक खाता बंद हो गया, जब जाल ने बैंक जाकर बात की तो पता चला कि लगातार बड़ी रकम के ट्रांजेक्शन होने से अकाउंट बंद किया गया है। खातों मे हुए ट्रांजेक्शन के बारे मे पूछा तो रजत अग्रवाल टाल-मटोल करने लगा, मामले में जाल ने थाने जाकर शिकायत दी।
कई पासबुक और 14 लाख कैश मिला
खमतराई थाने में की गई शिकायत की जांच में पाया गया कि आरोपी रजत अग्रवाल ने अपने साथी हिमांशु सिंह, मन्टु मांझी, मदन कुमार यादव, मोह. उमैर, मोहित टांक, मोह. फरहान एवं उपेन्द्र दास के साथ मिलकर दूसरों के डॉक्यूमेंट पर खाते खोले। इन्होंने पण्डरी स्थित मोवा में बर्न ब्लैक नाम से ऑफिस खोल रखा था।
ये लोगों को लोन की लुभावनी स्कीम बताकर उनके व्यक्तिगत दस्तावेजों को हासिल करते थे। उन्हीं बैंक खातों का उपयोग ऑनलाईन सट्टा के पैसों के लेन-देन के लिये करते थे। इनके पास से कैश 14 लाख 40 हजार, 21 मोबाईल फोन,5 पासबुक, 12 ए.टी.एम. कार्ड, 12 चेक बुक,3 लैपटॉप, 2 कम्प्यूटर सिस्टम 3 डायरी मिली है।
इसके अलावा गुढ़ियारी में दर्ज किए गए केस में आरोपी संजू उर्फ संजीव भारद्वाज, वैभव शुक्ला ने बताया कि वे अपने साथी प्रशांत अग्रवाल के साथ मिलकर फ्री सिम, मोबाइल डेटा रिचार्ज जैसी स्कीम बताकर उनके दस्तावेज लिए थे। उन्हीें के नाम पर बैंक में खाता खोलकर बदले में कमीशन लिया करते थे। पुलिस ने बताया कि बैंक खातों की जांच की जा रही है। गुढ़ियारी और खमतराई के मामलों में फिलहाल 13 लोगों को अरेस्ट किया गया है, कुछ और नाम भी सामने आ सकते हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।