2 शुभ योग में अधिक मास पूर्णिमा आज, जानें स्नान-दान समय, पूजा मुहूर्त, चंद्र दोष उपाय
सावन अधिक मास पूर्णिमा आज 1 अगस्त दिन मंगलवार को है. आज प्रीति और आयुष्मान दो शुभ में में सावन अधिक मास पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान है. आज के दिन व्रत रखते हैं, सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं. जानते हैं सावन अधिक मास पूर्णिमा का पूजा मुहूर्त, स्नान-दान समय और चंद्र दोष के उपाय.

सावन अधिक मास पूर्णिमा आज 1 अगस्त दिन मंगलवार को है. आज के दिन सावन अधिक मास पूर्णिमा और मंगला गौरी व्रत का शुभ संयोग बना है. आज प्रीति और आयुष्मान दो शुभ में में सावन अधिक मास पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान है. आज सुबह से ही पूर्णिमा का स्नान और दान शुरू है. आज के दिन व्रत रखते हैं, सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं, उनकी कथा सुनते हैं. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन में सुख और शांति आती है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है. स्नान के बाद दान से भी चंद्र दोष दूर किया जा सकता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं सावन अधिक मास पूर्णिमा का पूजा मुहूर्त, स्नान-दान समय और चंद्र दोष के उपाय.
सावन अधिक मास पूर्णिमा 2023 मुहूर्त
सावन अधिक मास पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: आज, 1 अगस्त, मंगलवार, सुबह 03:51 बजे से
सावन अधिक मास पूर्णिमा तिथि का समापन: आज, देर रात 12:01 बजे पर
सावन अधिक मास पूर्णिमा स्नान-दान समय: ब्रह्म मुहूर्त में प्रात: 04:18 बजे से प्रारंभ
पूजा पाठ का मुहूर्त: आज, सुबह 09:05 बजे से दोपहर 02:09 बजे तक
अधिक मास पूर्णिमा पर चंद्रोदय समय: आज, शाम 07 बजकर 16 मिनट पर
प्रीति योग: आज प्रात:काल से लेकर सुबह 06 बजकर 53 मिनट तक
आयुष्मान योग: सुबह 06 बजकर 53 मिनट से पूरे दिन
आज का शुभ समय: अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक
सावन अधिक मास पूर्णिमा 2023 अशुभ समय
भद्रा का समय: सुबह 05 बजकर 42 मिनट से दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक
आज का राहुकाल: दोपहर 03 बजकर 50 मिनट से शाम 05 बजकर 31 मिनट तक
सावन अधिक मास पूर्णिमा की स्नान-दान विधि
आज आप शुभ समय में गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करें. यदि ऐसा संभव न हो तो घर पर पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. उसके बाद साफ वस्त्र पहनें. फिर अपनी क्षमता के अनुसार चावल, दूध, शक्कर, सफेद कपड़े, चांदी आदि का दान कर सकते हैं. रात्रि के समय में चंद्रमा की पूजा करें. उनको कच्चे दूध, पानी और अक्षत् से अर्घ्य दें.