*Teacher Promotion Breaking : शिक्षक प्रमोशन से जुड़ी बड़ी खबर…! राज्य सरकार के प्रमोशन को लेकर दी गयी रियायत पर हस्तक्षेप से इंकार*

*Teacher Promotion Breaking : शिक्षक प्रमोशन से जुड़ी बड़ी खबर…! राज्य सरकार के प्रमोशन को लेकर दी गयी रियायत पर हस्तक्षेप से इंकार*

रायपुर, 9 मार्च। Teacher Promotion Breaking : शिक्षक प्रमोशन से जुड़ी बड़ी खबर है। शिक्षक प्रमोशन पर स्टे हट गया है। आज सुबह 11 बजे से शिक्षकों की प्रतिक्षित याचिकाओं पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपना फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने अपने फैसले में राज्य सरकार के प्रमोशन को लेकर दी गयी रियायत पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। कोर्ट ने सरकार की तरफ प्रमोशन में 5 साल की बजाय 3 साल की अनिवार्यता के फैसले को जायज बताया है। जाहिर है इस फैसले के बाद प्रमोशन के रास्ते खुल गये हैं।

 *लेक्चरर व हेडमास्टर की सीनियरिटी को लेकर भी आया फैसला*

अधिवक्ता अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लेक्चरर और हेडमास्टर के प्रमोशन में भी वरीयता को लेकर कोर्ट ने निर्णय दिया है। चीफ जस्टिस अरुप गोस्वामी और जस्टिस पीपी साहू की डबल बेंच ने पदोन्नति से संबंधित सभी प्रकरणों पर अपना फैसला सुनाया है ।अपने निर्णय में उन्होंने केवल कौन कौन से पिटीशन को डिसमिस किया गया और किन किन पिटीशन को अनुमति दी, केवल यही अपने निर्णय में दिया है। राजपत्र 2019 के आधार पर ही पदोन्नति होगी।

दिसंबर 2022 से ही शिक्षकों के प्रमोशन का मामला हाईकोर्ट (Teacher Promotion Breaking) में चल रहा था। करीब 1 साल बाद 3 दिसंबर 2022 को सुनवाई पूरी हुई थी। ऐसे में अब फैसले का इंतजार हर शिक्षक कर रहा था। इससे पहले दिसंबर में ही हाईकोर्ट में पदोन्नति में लगा स्टे पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी। सुनवाई के बाद निर्णय को सुरक्षित रख लिया गया था। पिछले एक वर्ष से पदोन्नति का मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। प्रदेश के लाखों शिक्षकों की नजर हाईकोर्ट पर थी। आपको बता दें कि प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत यूडीटी और मिडिल प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति पर स्टे लगा हुआ था। हाईकोर्ट के फैसले के इंतजार में प्रमोशन बाधित था। इससे पहले 1 दिसंबर और 3 दिसम्बर को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।