आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ पर धर्मरक्षा यज्ञ, CM बोले - वैदिक मूल्यों की पुनर्स्थापना जरूरी

आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ और महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती पर रायपुर में भव्य धर्मरक्षा यज्ञ का आयोजन, मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने किया हवन, वैदिक मूल्यों की रक्षा का लिया संकल्प

आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ पर धर्मरक्षा यज्ञ, CM बोले - वैदिक मूल्यों की पुनर्स्थापना जरूरी

राजधानी रायपुर में रविवार को वैदिक संस्कृति और धर्मरक्षा के उद्देश्य से आयोजित महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर धर्मरक्षा महायज्ञ एवं वैदिक सनातन संस्कृति सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सहभागिता की। इस अवसर पर दोनों अतिथियों ने हवन-पूजन में भाग लिया और वैदिक परंपराओं के संरक्षण और समाजोत्थान का संकल्प लिया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में रविवार को महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ पर धर्मरक्षा महायज्ञ एवं वैदिक सनातन संस्कृति सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत विशेष रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने हवन-पूजन कर प्रदेश की सुख-शांति और जनकल्याण की कामना की। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आर्य समाज न केवल धार्मिक जागरूकता का कार्य कर रहा है, बल्कि शिक्षा, सेवा और संस्कारों के प्रचार में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं 1999 से आर्य समाज से जुड़े हुए हैं और महर्षि दयानंद के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात किया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य सरकार की योजनाओं का भी उल्लेख करते हुए कहा कि “मोदी गारंटियों” को लागू करने की दिशा में हमारी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं — 18 लाख आवासों की मंजूरी, महिलाओं को ₹1000 प्रतिमाह सहायता, तीर्थदर्शन योजना और भूमिहीनों को सालाना ₹10,000 जैसी योजनाएं इसका प्रमाण हैं।

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने वक्तव्य में महर्षि दयानंद के विचारों और जीवन दर्शन को आज के समाज के लिए अत्यंत प्रासंगिक बताया। उन्होंने प्राकृतिक खेती और देशी गौवंश के संवर्धन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ गौपालन को बढ़ावा देने से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की समस्या स्वतः समाप्त होगी।

इस सम्मेलन में आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा तैयार पुस्तक “चुनौतियों का चिंतन” का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में योग आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल, स्वामी धर्मानंद सरस्वती, प्रबल प्रताप जूदेव, डॉ. राजेंद्र विद्या अलंकार सहित अनेक गणमान्यजन और आर्य समाज के अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।