इस मंदिर के हनुमान जी 5 एकड़ जमीन के हैं मालिक, दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव जहां हनुमान जी के नाम से पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है. हमेशा सुनने को मिलता है कि जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम से होती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है. यहां हनुमानजी के नाम ही है 5 एकड़ जमीन.

इस मंदिर के हनुमान जी 5 एकड़ जमीन के हैं मालिक, दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर. छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव जहां हनुमान जी के नाम से पांच एकड़ से ज्यादा जमीन है. हमेशा सुनने को मिलता है कि जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम से होती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है. यहां हनुमानजी के नाम ही है 5 एकड़ जमीन. दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के चपलीपानी में हनुमान जी के मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है. सड़क न होने से लोगों को परेशानी होती है. दर्शन करने के लिए भक्त पैदल आते है.

आप को बता दे कि मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले से 55 किलोमीटर दूर मनेंद्रगढ़ विकास खण्ड के ग्राम पंचायत सोनहरी के आश्रित ग्राम चपलीपानी मे हनुमान जी के नाम से पांच एकड़ सत्ताईस डिसमिल जमीन है. जो तहसील रिकार्ड में दर्ज है. बताया जाता है कि 1962 में यहां फलाहारी बाबा रहकर तपस्या करते थे. जो हनुमान जी के बड़े भक्त थे.

मंदिर तक जाने का नहीं है रास्ता

21 जनवरी 2003 को जब यहां राजस्व विभाग के अधिकारी पहुंच. यहां तक अधिकारियों को पहुंचने में काफी वक्त लग गया. यहां पर उन्हें फलाहारी बाबा मिले, वन विभाग के अधिकारियों ने बाबा से पूछताछ की तो बाबा ने बताया कि वह जंगल मे अकेले रहते है और हनुमान जी की सेवा करते हैं. इसके बाद अधिकारी बोले कि हम आपके नाम यह जमीन कर देते हैं. यहां अपना आश्रम और मंदिर बना लीजिएगा. फलाहारी बाबा बोले कि अगर आपको जमीन देनी है तो हनुमान जी के नाम दीजिये. मुझे कोई इसकी मोहमाया नहीं है. तब से आज तक इस क्षेत्र में जहां मंदिर बना है.

भक्तों की मंदिर में लगी रहती है भीड़

वहां की पांच एकड़ सत्ताईस डिसमिल जमीन हनुमान जी के नाम से है. यह गांव सोनहरी पंचायत में आता है और यही से जटाशंकर धाम जाने का रास्ता है. यहां अभी शिवप्रसाद नाम के बाबा जी रहते है. भगवान के दर्शन करने जो भक्त जाते है वह रात के समय यही रुक कर विश्राम करते है. सावन में यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है.