कोरोना साइडइफेक्ट से बचने बच्चों ने लिया योग का सहारा:बीएसपी ग्राउंड में 20 हजार से अधिक बच्चों ने किया 108 बार सूर्य नमस्कार

कोरोना साइडइफेक्ट से बचने बच्चों ने लिया योग का सहारा:बीएसपी ग्राउंड में 20 हजार से अधिक बच्चों ने किया 108 बार सूर्य नमस्कार

भिलाई में कोरोना काल में शारीरिक और मानसिक रूप से विकृति का शिकार हुए शहर के 20 हजार से अधिक बच्चों ने योग का सहारा लिया है। ये सभी बच्चे शुक्रवार सुबह बीएसपी ग्राउंड में इकट्ठा हुए। इसके बाद प्रशिक्षकों के बताए अनुसार 108 बार सूर्य नमस्कार किया। इस दौरान बच्चों को जागरूक किया गया कि योग बड़ी से बड़ी बीमारी को हराने में सक्षम है।

श्री रविशंकर महराज की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की भिलाई इकाई के द्वारा शुक्रवार को जयंती स्टेडियम के बगल से योगाथान का आयोजन किया गया था। इस योगाथान में 23 स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया था। संस्था ने 21 हजार बच्चों को जोड़ने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए सभी 23 स्कूल प्रबंधन से बात की गई थी। सुबह 8 बजे से ही स्कूलों के बच्चे मैदान में पहुंचना शुरू हो गए थे। 9.30 बजे तक 20 हजार से अधिक बच्चे पहुंच गए थे। इसके बाद सुबह 9.30 बजे से 10.30 बजे तक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सभी बच्चों को अलग-अलग कतार में खड़ा कर दिया गया। इन बच्चों ने एक लय में प्रशिक्षक के निर्देश पर 108 बार सूर्य नमस्कार किया। आयोजन कर्ताओं का कहना है कि संस्था आगे भी इस तरह के आयोजन करती रहेगी। कार्यक्रम में दुर्ग सांसद विजय बघेल, महापौर नीरच पाल, भिलाई निगम आयुक्त रोहित व्यास सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।

एक सप्ताह पहले बच्चों को दी गई थी ट्रेनिंग
आर्ट ऑफ लिविंग भिलाई के मीडिया प्रभारी वैभव चंद्राकर ने बताया कि उनकी संस्था ने एक महीने पहले ही प्रोग्राम कराने की रूपरेखा तैयार कर ली थी। उन्होंने डीपीएस, डीएवी, शंकरा, आत्मानंद विद्यालय, एमजे कॉलेज, माइल स्टोन, केडी पब्लिक सहित 23 स्कूलों का चयन किया। इसके बाद आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षकों ने उन स्कूलों में एक हफ्ते तक जाकर सभी बच्चों को सूर्य नमस्कार करने की ट्रेनिंग दी। इसके बाद सभी बच्चों को ग्राउंड में बुलाया गया। इससे सभी बच्चों ने एक लय के साथ सूर्य नमस्कार किया।

स्कूल में जाकर आगे भी देंगे ट्रेनिंग
आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर्स का कहना है कि जो स्कूल योग सीखने के इच्छुक होंगे उनकी टीचर वहां जाकर उनके बच्चों को योग की शिक्षा देंगे। योग की शिक्षा देने बच्चों को इसके प्रति झुकाव होगा और वो लोग योग के प्रति जागरूक भी होंगे।