क्या आपका बच्चा भी है हाइपर एक्टिव? इन तरीकों से करें उसको हैंडल, पॉजिटिव मिलेगा रिजल्ट

कुछ बच्चे नॉर्मल बच्चों से अलग होते हैं और उनकी एक्टिविटीज भी बाकी बच्चों से हट कर होती हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि वह अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) से गुजर रहे होते हैं. ऐसे बच्चों को किस तरह से हैंडल किया जाना चाहिए, इसकी जानकारी आपको बच्चे का डॉक्टर बेहतर दे सकता है. हेल्थलाइन डॉट कॉम के अनुसार कुछ तरीके अपनाकर देख सकते हैं और बच्चों को शांत रख सकते हैं.
क्या है ADHD: सबसे पहले आपको बता दें कि अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) यानि ध्यान की कमी और अत्यधिक सक्रियता एक तरह की बीमारी है, जिसमें बच्चा किसी भी चीज पर शांत मन से ध्यान नहीं लगा पाता है. बहुत ज्यादा बोलता है या फिर हर समय बोलता ही रहता है. इसके साथ ही बच्चा जल्दी अपना आपा खो देता है. इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह ली जाती है और बच्चे का इलाज किया जाता है. ऐसे में डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है.
संवेदनशील रहें: पैरेंट्स बच्चों के साथ हमेशा संवेदनशील रहें. साथ ही हाइपर एक्टिव बच्चों को शांत रखने के लिए घर के माहौल को बेहतर बनाये रखें. एडीएचडी वाले बच्चे इस तरह के वातावरण में शांत रहते हैं. ऐसे में जरूरी है कि घर पर हर चीज का नियम बना कर रखें. साथ ही सुपरविजन भी करते रहें, क्योंकि ऐसा न करने से बच्चा ज्यादा हाइपर हो सकता है. वहीं, चीजों की निगरानी करने से आपके बच्चे को उसकी हाइपर एक्टिविटी को मैनेज करने की पावर मिलती है.
होमवर्क को हिस्सों में बांटें: एडीएचडी की दिक्कत से गुजर रहे बच्चे से कुछ समय तक स्थिर बैठकर शांत रहने की अपेक्षा करना उन्हें असंवेदनशील बना सकता है. ऐसे में बेहतर होगा कि आप उनकी गतिविधियों को हिस्सों में बांटें, जिससे उनको काम में सफलता मिल सके. अगर आपका बच्चा केवल कुछ मिनटों तक ही होमवर्क कर सकता है. उसको कहें कि वह जितना भी काम आराम से और आसानी से कर सकता है उतना ही करे. उसके बाद तीन मिनट का ब्रेक दें और फिर होमवर्क करने को कहें. इसी तरह से आगे का काम जारी रखें.
हाइपर एक्टिव बच्चे को प्यार के साथ हैंडल करें. जब आपका बच्चा किसी काम को अच्छी तरीके से तय समय में पूरा करता है तो उसको रिवॉर्ड देने की आदत डालें. इसके लिए आप उसको गले लगाएं, उसको प्रोत्साहित करें या फिर कोई कविता या ऐसी एक्टिविटी उसके लिए करें जो उसको खुशी दे. इस तरह से बच्चा उस काम को और भी ज्यादा बेहतर तरह से करने और लम्बे समय तक करने की कोशिश करेगा.