बरसाना की लट्ठमार होली में जुटे 5 लाख श्रद्धालु राधारानी मंदिर के सामने नंदगांव के होरियारों पर गोपियों ने बरसाए लट्ठ

ब्रज मंडल में होली की धूम है। यहां पूरे फागुन होली का उल्लास रहता है। ब्रज मंडल का अधिकतर इलाका उत्तरप्रदेश में है, लेकिन राजस्थान के भरतपुर जिले के कुछ इलाके भी इसमें शामिल हैं। ऐसे में भरतपुर से भी फाग खेलने बड़ी तादाद में श्रद्धालु उत्तरप्रदेश के बरसाना, नंदगांव, मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन जाते हैं।
मंगलवार शाम बरसाना के राधा रानी मंदिर में फागुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर परंपरागत लट्ठामार होली खेली गई। मुख्य मंदिर की सीढ़ियों के सामने यह आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु बरसाना पहुंचे।
मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी तादाद में भरतपुर, करौली, जयपुर, धौलपुर, दौसा, अलवर से बरसाना पहुंचे। बरसाना की लट्ठमार होली का आयोजन शाम 5 बजे से राधा रानी मंदिर की सीढ़ियों के सामने हुआ। दोपहर से ही छोटे से कस्बे बरसाना की गलियों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हो गई।
बरसाना में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग छतों से इस श्रद्धालुओं के रेले को देख रहे थे और ऊपर से गुलाल, पिचकारी के साथ श्रीराधे का स्वर भी बरसा रहे थे। परंपरा के अनुसार अपनी-अपनी ढाल लेकर बरसाना से 8 किलोमीटर दूर नंदगांव के ग्वाले (होरियार) युवा बरसाना पहुंचे।
यहां शाम 5 बजे के बाद प्राचीन राधा रानी मंदिर की सीढ़ियों के सामने जुटे होरियारों के ढाल पर सोलह श्रृंगार में सजी महिलाओं ने जमकर लाठियां बरसाईं। आस-पास खड़े लोग महिलाओं को और जोर से हाथ चलाने की बात कहते रहे। इस दौरान हंसी-ठिठोली का वातावरण रहा और चारों तरफ श्रीराधे की गूंज सुनाई दी। आयोजक मंडल ने मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर ये नजारा देखा। साथ ही बरसाना की गलियों में घरों की छतों से भी महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने इस दृश्य का आनंद लिया।
माना जाता है कि भगवान कृष्ण और राधा के समय से ही यह परंपरा है। श्रीकृष्ण के गांव नंदगांव से होरियारे राधा रानी के गांव बरसाना पहुंचते थे और राधा व उनकी सहेलियों के साथ होली खेलते थे, वे उनके हुड़दंग से तंग आकर लाठियों से उनका स्वागत करतीं थीं।