ब्रेकिंग न्यूज : मिठाई लाए, पूजा की, फिर 4 बेटियों के साथ सुसाइड....घर में राशन नहीं, अकाउंट में सिर्फ 200 रुपए, डिप्रेशन में जहर पिया

ब्रेकिंग न्यूज : मिठाई लाए, पूजा की, फिर 4 बेटियों के साथ सुसाइड....घर में राशन नहीं, अकाउंट में सिर्फ 200 रुपए, डिप्रेशन में जहर पिया

नई दिल्ली (ए)। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर बने इस फ्लैट से तेज बदबू आ रही थी। आसपास रहने वाले लोगों ने बिल्डिंग के केयरटेकर को ये बात बताई। केयरटेकर ने मकान मालिक को बताया, फिर पुलिस को बुलाया गया। मौके पर पहुंचे पुलिसवालों ने फ्लैट का दरवाजा खोला। फ्लैट के अंदर 5 लाशें सड़ रही थीं। ये लाशें फ्लैट में रहने वाले हीरालाल शर्मा और उनकी 4 बेटियों की थीं।

एक कमरे में 46 साल के हीरालाल शर्मा और दूसरे कमरे में 26 साल की बेटी नीतू , 24 साल की निक्की, 23 साल की नीरू और 20 साल की निधि की डेडबॉडी थी। पुलिस को फ्लैट से सल्फास के तीन पैकेट मिले हैं, इसलिए वो इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है। बताया जाता है कि हीरालाल की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पत्नी की मौत के बाद वे किसी से मिलते नहीं थे। बेटियों के इलाज में पैसा खर्च हो रहा था। उन्हें संभालने में मुश्किल हो रही थी। इसलिए भी डिप्रेशन में थे। 

चारों लड़कियों के शव एक ही बेड पर लाइन से रखे मिले। माना जा रहा है कि हीरालाल ने पहले बेटियों को जहर देने के बाद उनकी डेडबॉडी बिस्तर पर रखी होंगी। फिर दूसरे कमरे में जाकर खुद जहर पी लिया। हीरालाल की तीसरे नंबर की बेटी नीरू देख नहीं सकती थी। चौथी बेटी निधि भी विकलांग थी। हीरालाल बेटियों को इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाया करते थे। हीरालाल का 24 सितंबर का एक CCTV फुटेज है। इसमें वे घर जाते दिख रहे हैं। हाथ में मिठाई का डिब्बा और फूल थे। पुलिस के मुताबिक सभी बेटियों के गले और हाथों में नया कलावा बंधा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हो सकता है हीरालाल ने बेटियों को मारने से पहले पूजा की हो।

पत्नी की कैंसर से मौत, दिसंबर में नौकरी छोड़ी, खाते में सिर्फ 200 रुपए हीरालाल बिहार के छपरा के रहने वाले थे और करीब 30 साल से दिल्ली में रह रहे थे। किराए के मकान में रहकर कारपेंटर का काम करते थे। वे 1996 से इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर, वसंत कुंज में नौकरी कर रहे थे।

अगस्त, 2023 में हीरालाल की पत्नी कांतिदेवी की कैंसर से मौत हो गई थी। इसके बाद हीरालाल डिप्रेशन में चले गए थे। दिसंबर, 2023 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। 9 महीने से बिना नौकरी के घर का खर्च चला रहे थे। हीरालाल के बैंक खाते में करीब 200 रुपए मिले हैं।

गांव में परिवार से बातचीत बंद, दादा ने कभी पोतियों को नहीं देखा हीरालाल शर्मा छपरा के अपने गांव घोघिया से भी कटे हुए थे। वे शादी के एक साल बाद पत्नी के साथ दिल्ली आ गए थे। इसके बाद सिर्फ एक बार मां के श्राद्ध में गांव गए। आखिरी बार 2008 में तीन दिनों के लिए घोघिया गए थे। उनके पिता मरईलाल शर्मा बताते हैं कि चारों पोतियां इतनी बड़ी हो गई थीं, लेकिन मैंने उन्हें कभी नहीं देखा।

पड़ोसी बोले- पत्नी की मौत के बाद हीरालाल गुमसुम रहते थे हीरालाल के फ्लैट को पुलिस ने सील कर दिया है। घर से अब भी बदबू आ रही है। पड़ोसी कुछ भी बोलने से हिचक रहे हैं। हम फ्लैट के ठीक सामने रहने वाली महिला से मिले। वे कैमरे पर कुछ भी बोलने के लिए राजी नहीं हुईं।

ऑफ कैमरा बताती हैं, ‘हीरालाल चुपचाप आते-जाते थे। कभी नजर उठाकर नहीं देखते थे। पत्नी की मौत के बाद गुमसुम रहने लगे थे। उनकी पत्नी पड़ोसियों से थोड़ी-बहुत बात कर लेती थीं। उनके जाने के बाद परिवार पूरी तरह कट गया।' पड़ोसी कहते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक लगती थी। हीरालाल के घर कोई दोस्त या रिश्तेदार नहीं आते थे। एक भाई कभी-कभार आते थे, तब भी हीरालाल या उनका परिवार दरवाजा नहीं खोलता था।