भिलाई निगम के पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसेनहीं....

भिलाई निगम के पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसेनहीं....

हर बार की तरह भिलाई निगम ने शासन से आर्थिकमदद की गुहार लगाई है, लेकिन राज्य में सरकार बदलतेही शासन ने भिलाई निगम को पहले की तरह मदद देनेसे इंकार कर दिया है। ऐसे में निगम ने भी अपना-हिसाबनिकालना शुरू कर दिया है। इसमें पता चला है किकरीब 8 साल पहले भिलाई​ निगम ने सिटी बस खरीदनेके लिए सूडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) को 10करोड़ रुपए उधार में दिए थे। अब यह उधार की राशिवापस मांगने के लिए निगम ने पत्र व्यवहार शुरू कियाहै। बता दें कि निगम के पास अपने अधिकारी औरकर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं है। हर महीने5 से 10 तारीख तक जारी होने वाली सैलरी महीने की22 तारीख गुजरने के बाद भी कर्मियों को नहीं मिल पाईहै। शासन से मदद नहीं मिलने पर अब निगम ने 8 सालपहले दिए 10 करोड़ रुपए वापस मांगा है।

14 करोड़ मांगे थे, लेकिन 10करोड़ ही दिए, नहीं लौटाया गयादुर्ग-भिलाई में सिटी बसों की खरीदी केलिए शासन ने भिलाई निगम से 14 करोड़रुपए की मांग की थी। लेकिन निगमप्रशासन ने उस समय राशि देने सहमत हुएलेकिन 14 करोड़ ना देकर 10 करोड़ रुपएदेने तैयार हुए। वर्ष 2015 में ही 10 करोड़रुपए की राशि को दो चरणों में दिया गया।पहले सात करोड़ खरीदी के लिए दिए।इसके बाद 3 करोड़ बस टर्मिनल के लिएदिए गए। राशि अब तक नहीं लौटाई गई।

आर्थिक संकट से जूझ रहे निगमने राज्य शासन से डिमांड कीनिगम की आर्थिक स्थिति खराब है। निगम कीआय ठीक से हो नहीं पा रही है। टैक्स सेवसूली होनी है, लेकिन वसूली भी नहीं हो पारही है। बीएसपी से आय निगम को होती थी,लेकिन बीएसपी के साथ विवाद के चलतेमामला कोर्ट में लंबित है। यही कारण है किमहीने की एक तारीख को वेतन पाने वालेकर्मियों ने 22 तारीख तक भी सैलरी नहींमिलने से परेशान है। इस लिए सूडा को दी गईरकम वापस मांगी जा रही है।

वर्ष 2015 में शहरी नवीनीकरणयोजना के लिए दी गई थी रकमवर्ष 2015 में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीयशहरी नवीकरण (जेएनएनयूआरएफ) योजनाके तहत दुर्ग-भिलाई में सिटी बस की खरीदीहुई। उस दौरान योजना के क्रियान्वयन के सूडाके पास बजट की कमी पड़ गई। इसके चलतेसूडा ने निगम ने राशि उधार मांगी। 21 मई2015 को बस खरीदी के लिए निगम ने 7करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करा दी। इसकेबाद बस टर्मिनल समेत अन्य आवश्यक कार्यके लिए 3 करोड़ रुपए दूसरी बार में दिए गए।

शासन को पत्रलिखकरडिमांड की गई

निगम के पास अपने ही अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन देने के ​लिए रुपए नहीं है। इसलिए 10 करोड़ रुपए जोसिटी बस लेने के लिए 2015 में शासन को उधारी स्वरूप दिए थे, उसे वापस मांगने पत्र लिखे हैं। ताकि उन पैसोंका निगम जरुरत के कामों में उपयोग कर सके।

- जितेंद्र ठाकुर, एकाउंट अफसर नगर निगम भिलाई