वायु प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं पर पड़ा बुरा प्रभाव, प्रीमैच्योर डिलीवरी बढ़ी, ऐसे करें बचाव

वायु प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं पर पड़ा बुरा प्रभाव, प्रीमैच्योर डिलीवरी बढ़ी, ऐसे करें बचाव

देश के टॉप प्रदूषित शहरों की लिस्ट में बेगूसराय शामिल हो चुका है. सरकार द्वारा वायु प्रदूषण पर कंट्रोल करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. ऐसे में वायु प्रदूषण न केवल लोगों की जान ले रहा है, बल्कि गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों को भी प्रभावित कर रहा है. बिहार के बेगूसराय से सामने आ रही रिपोर्ट नवजात के मौत का कारण बनते जा रहा है. दरअसल, बढ़ते प्रदूषण के कारण जिला की हवा में हानिकारक गैस और कण भर गए हैं, जो गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. प्रदूषण के कारण प्रीमैच्योर यानी समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है.

बेगूसराय में समय से पूर्व प्रसव का तेजी से बढ़ रहा है ग्राफ
बेगूसराय सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्मृति किरण ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि जिले में महिलाओं को समय से पहले प्रसव पीड़ा होने लगी है. ऐसे में 9 महीना पूरा होने से पहले ही बच्चे जन्म ले लेते हैं. प्रदूषण में मौजूद हानिकारक गैस और कण गर्भस्थ शिशु के विकास को प्रभावित करता है. जिसके चलते प्रीमैच्योर बच्चा पैदा हो जाता है और इसकी संख्या लगतार बढ़ रही है.

लक्षण की बात करें तो प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी, बेचैनी और घबराहट होने पर समय से पूर्व प्रसव कराना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अप्राकृतिक चीजाें के प्लेसेंटा में पहुंचने से वहां व्हाइट ब्लड सेल्स (डब्ल्यूबीसी) की मात्रा बढ़ रही है. इनके जमावट होने से भ्रूण तक रक्त प्रवाह में रुकावट हो रही है. इसी रक्त से बच्चे को पोषण मिलता है, लेकिन रक्त कम पहुंचने से शिशु का विकास रुक जाता है. जब प्लेसेंटा ठीक से रक्त प्रवाह नहीं कर पा रहा होता है और जल्दी परिपक्व होने से समय से पहले प्रसव हो रहा है.

गर्भवती महिलाएं मास्क लगाकर ही घर से निकलें
बेगूसराय सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. स्मृति किरण ने बताया किबचाव के लिए प्रदूषण से बचने की जरूरत है. इसकासिर्फ एक हीं उपाय है कि मास्क लगाकर चलें. इसकी मदद दें समय से पूर्व प्रसव से छुटकारा मिल सकता है. लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा AQI 400 के आस-पास पहुंच जाने के बावजूद वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. ऐसे में समय से समय से पूर्व प्रसव का ग्राफ बढ़ने से जच्चा और बच्चा दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.