भिलाई स्टील प्लांट के ठेका श्रमिकों का हक की आवाज़ के लिए प्रदर्शन, 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा

संयंत्र के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्रमिकों ने न्याय की गुहार लगाई

  • बीएसपी मुर्गा चौक पर एक घंटे तक जोरदार नारेबाजी
  • इंटक यूनियन के नेतृत्व में सौंपा गया मांग-पत्र
  • ठेका मजदूरों ने वेतन, भत्ता, और अन्य सुविधाओं में सुधार की मांग की

भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में काम कर रहे ठेका श्रमिकों ने शुक्रवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इंटक यूनियन के बैनर तले हुए इस विरोध में मजदूरों ने संयंत्र प्रबंधन से अपनी सुविधाओं में सुधार और अधिकारों की रक्षा की मांग की। प्रदर्शन के बाद यूनियन ने संयंत्र निदेशक को संबोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र बीएसपी के जीएम (IR) विकास चंद्रा को सौंपा।

भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में कार्यरत ठेका श्रमिकों ने शुक्रवार सुबह मुर्गा चौक पर प्रदर्शन कर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। स्टील ठेका श्रमिक यूनियन-इंटक के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया, जिसमें यूनियन अध्यक्ष संजय साहू समेत बड़ी संख्या में श्रमिक शामिल हुए। यूनियन का कहना है कि बीएसपी की उत्पादन प्रक्रिया, रखरखाव और मुनाफे में ठेका श्रमिकों की भूमिका बेहद अहम है, लेकिन उनके अधिकारों और सुविधाओं को लेकर अब भी कई बुनियादी मुद्दे अनसुलझे हैं। यूनियन ने निदेशक इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता को संबोधित 11 बिंदुओं का मांग-पत्र जीएम (IR) विकास चंद्रा को सौंपा।

प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

  • ठेका श्रमिकों को बीएसपी के एस-1 ग्रेड के अनुसार वेतन या न्यूनतम ₹26,000 प्रतिमाह दिया जाए।
  • 5% आवास भत्ता या संयंत्र के खाली मकानों का आवंटन।
  • संयंत्र में आने-जाने के लिए दो गेटों से अनुमति एवं बाइक एंट्री की इजाजत।
  • ₹10 लाख का दुर्घटना बीमा।
  • बायोमेट्रिक हाजिरी और कार्य प्रारंभ से पहले मेडिकल परीक्षण।
  • ITI या 12वीं की अनिवार्यता खत्म कर अनुभव आधारित भर्ती।
  • कंपनी बदलने पर पुराने श्रमिकों को ही प्राथमिकता।
  • रात्रि भत्ता, साइकिल भत्ता, कैंटीन भत्ता और हिट एंड डस्ट अलाउंस की मांग।
  • वेतन पर्ची, लीव कार्ड, फाइनल पेमेंट और छुट्टी राशि का प्रावधान।
  • स्थाई कार्यों के लिए मंथली इंसेंटिव और मोटिवेशनल गिफ्ट स्कीम।
  • बीएसपी स्कूलों में श्रमिकों के बच्चों के लिए 50% सीट आरक्षित हो।
  • यूनियन ने स्पष्ट किया कि जब तक ठेका श्रमिकों को न्याय और सम्मान नहीं मिलेगा, उनका संघर्ष जारी रहेगा।