युक्तियुक्तकरण के खिलाफ सड़कों पर शिक्षक: दुर्ग में साझा मंच के बैनर तले विशाल प्रदर्शन

कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली, चार सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन; भेदभावपूर्ण रैशनलाइजेशन पर जताई नाराजगी

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में मंगलवार को शिक्षक समुदाय ने युक्तियुक्तकरण नीति के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन किया। "शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़" के नेतृत्व में हुए इस विरोध में सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया और रैली निकालकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने हालिया रैशनलाइजेशन प्रक्रिया में कथित विसंगतियों और अन्यायपूर्ण तबादलों को वापस लेने की मांग की।

दुर्ग। दुर्ग जिले में युक्तियुक्तकरण की नई नीति को लेकर शिक्षकों का आक्रोश फूट पड़ा। मंगलवार को शिक्षक साझा मंच छत्तीसगढ़ के बैनर तले बड़ी संख्या में शिक्षक हिंदी भवन से कलेक्ट्रेट परिसर तक रैली निकालते हुए पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने चार सूत्रीय मांगों से संबंधित एक ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा। उनकी मांगों में क्रमोन्नति के लिए जनरल ऑर्डर जारी करने, पूर्व सेवा अवधि को जोड़ते हुए पेंशन और अन्य लाभ देने, वर्तमान रैशनलाइजेशन प्रक्रिया को रद्द करने और वर्ष 2008 के सेटअप के आधार पर नई व्यवस्था लागू करने की बातें शामिल थीं।

शिक्षक साझा मंच के जिला अध्यक्ष किशन देशमुख ने कहा, “युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में अधिकारियों ने जानबूझकर अनेक शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर दिया, जो पूर्णतः अनुचित है। यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था और शिक्षक दोनों के हित में नहीं है।”

धमधा स्थानांतरित की गई शिक्षिका सरोजिनी बघेल ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि 21 वर्षों की सेवा में उन्हें चार बार स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा, “मैं 11 वर्षों से उसी विद्यालय में गणित पढ़ा रही थी, लेकिन हर बार मुझे हटाया जाता है। स्कूल में नए हेड मास्टर बैठे हैं और बच्चों का भविष्य अधर में है।” प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था संभालते हुए स्थिति को नियंत्रण में रखा।