हरतालिका तीज पर करें 5 पावरफुल उपाय, जल्द बनेंगे विवाह के योग, जानिए पूजा विधि और मुहूर्त

हरतालिका तीज पर करें 5 पावरफुल उपाय, जल्द बनेंगे विवाह के योग, जानिए पूजा विधि और मुहूर्त

सनातन धर्म में व्रत और त्योहारों की परंपरा सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि जीवन में संयम, श्रद्धा और संस्कारों को भी दर्शाती है। इन्हीं में से एक है हरतालिका तीज, जो महिलाओं के लिए विशेष फलदायी और पुण्यदायक व्रत माना जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की आराधना कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। इस वर्ष यह पर्व 26 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा।   

सावन मास का शुक्ल पक्ष जब अपने सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा के चरम पर होता है, तब आता है हरतालिका तीज का पावन पर्व। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के divine मिलन की स्मृति में मनाया जाता है, जिसे श्रद्धा, उपवास और भक्ति के साथ महिलाएं पूरे नियम और निष्ठा से मनाती हैं। 

 

इस बार हरतालिका तीज 26 जुलाई 2025, मंगलवार को पड़ रही है। अगले दिन यानी 27 जुलाई को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव, मां पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है।  

विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से इस व्रत को करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरे नियम और श्रद्धा से व्रत रखने पर दोगुना पुण्य और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।  

हरतालिका तीज पूजन का शुभ मुहूर्त (2025):

  • तीज तिथि प्रारंभ: 25 जुलाई को रात 11:38 बजे

  • तीज तिथि समाप्त: 27 जुलाई को तड़के 1:32 बजे

  • पूजन का श्रेष्ठ समय (प्रदोष काल): 26 जुलाई को शाम 6:59 से रात 8:30 बजे तक    

  • हरतालिका तीज पर करें ये सरल उपाय:

    1. मिट्टी से बनाएं शिव-पार्वती की मूर्ति और उसे पूजा स्थल पर स्थापित करें।

    2. व्रत के दौरान सोलह श्रृंगार कर पार्वतीजी की आरती करें।

    3. गणेशजी को दूर्वा और मोदक अर्पित करें।

    4. रात्रि जागरण करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें।

    5. सुहाग सामग्री किसी सुहागिन को दान करें — इससे दांपत्य जीवन में स्थिरता आती है। 

    6.  पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने हिमालय पर्वत पर कठोर तप कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसी उपलक्ष्य में यह व्रत किया जाता है। इस दिन किया गया व्रत स्त्रियों को अखंड सौभाग्य, सुखद वैवाहिक जीवन और संतान सुख प्रदान करता है।