कलेक्टर अभिजीत सिंह के आदेश से किसानों और ग्रामीणों को मिली राहत, अब पूरी जमीन पर नहीं लगेगी रोक

दुर्ग। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेलवे परियोजना से जुड़े भूमि अधिग्रहण को लेकर दुर्ग जिले के ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है। जिला प्रशासन ने अब केवल रेलवे लाइन के दोनों ओर 150 मीटर तक की जमीन को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया है। इससे पहले पूरे गांव की जमीनों पर रोक लगा दी गई थी, जिससे किसानों में चिंता का माहौल था।
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेलवे लाइन परियोजना में शामिल गांवों के किसानों और ग्रामीणों को अब बड़ी राहत मिली है। जिला कलेक्टर अभिजीत सिंह ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 150 मीटर की परिधि में आने वाली जमीनों पर ही खरीदी-बिक्री और खाता विभाजन जैसी गतिविधियों पर रोक रहेगी। इससे पहले इस परियोजना की वजह से संबंधित गांवों की समस्त भूमि पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही थीं।
रेल परियोजना में दुर्ग जिले के कुल 25 गांव प्रभावित हैं। इनमें 23 पुराने गांव शामिल हैं जैसे कि ठकुराईनटोला, बठेना, देमार, अरसनारा, नवागांव, देवादा, सांतरा, मानिकचौरी, बोहारडीह, फेकारी, घुघसीडीह आदि। वहीं दो नए गांव—करगाडीह और पाउवारा—को आंशिक रूप से प्रतिबंधित क्षेत्र में शामिल किया गया है।
अब नए आदेश के अनुसार, केवल रेलवे लाइन के दोनों ओर 150 मीटर क्षेत्र में ही भूमि लेन-देन या खाता विभाजन जैसी गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी। यह कदम परियोजना की सुचारू प्रगति के साथ-साथ ग्रामीणों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।