CGPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो रखें इन बातों का ध्यान, जानें सिलेबस का महत्व, ऐसे करें अध्ययन
राजधानी रायपुर स्थित पटेल ट्यूटोरियल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर अनिल दीक्षित सर ने बताया कि प्रिलिम्स परीक्षा के सब्जेक्ट डिफाइंड है. सब्जेक्ट के सिलेबस डिफाइंड नहीं है. इसका मतलब प्रिलिम्स में सब्जेक्ट को पढ़ना है और अपने हिसाब से तैयारी करना पड़ती है.

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग यानी CGPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को तीन चरण में परीक्षा देनी होती है. पहले चरण में प्रिलिम्स, दूसरे चरण में मेंस और तीसरे में इंटरव्यू. सभी पड़ाव से गुजरने के बाद ही आप अधिकारी कर्मचारी बन सकते हैं. CGPSC की तैयारी करते दौरान सिलेबस का अध्ययन बेहद महत्वपूर्ण होता है. प्रिलिम्स परीक्षा से ज्यादा मेंस की तैयारी के लिए सिलेबस का अध्ययन बेहद जरूरी है. दरअसल, सिलेबस से ही पता चलता है कि कौन से पार्ट से ज्यादातर सवाल पूछे जाते हैं. ताकि सही अध्ययन कर आप सफल हो सकते हैं.
राजधानी रायपुर स्थित पटेल ट्यूटोरियल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर अनिल दीक्षित सर ने बताया कि प्रिलिम्स परीक्षा के सब्जेक्ट डिफाइंड है. सब्जेक्ट के सिलेबस डिफाइंड नहीं है. इसका मतलब प्रिलिम्स में सब्जेक्ट को पढ़ना है और अपने हिसाब से तैयारी करना पड़ती है. क्योंकि प्री में सब्जेक्ट का सिलेबस डिफाइंड नहीं होता है कि क्या पढ़ना है. सब्जेक्ट में पैरामीटर होना चाहिए और पढ़ने में क्या हमारी लिमिटेशन होनी चाहिए. तभी तय होगी जब हम प्रीवियस ईयर के प्रश्न पत्रों को अध्ययन करेंगे.
उदाहरण स्वरूप जैसे कि हम संविधान पढ़ते हैं. संविधान में 22 भाग है और बहुत सारे नए अमेंडमेंट भी हुए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी बीते की साल के प्रश्न पत्रों के अनुसार पार्ट 5 और पार्ट 6 के ज्यादातर सवाल पूछे गए हैं. ऐसे में हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि पार्ट 5 और पार्ट 6 को बहुत ज्यादा गहराई से पढ़ें. वहीं, अन्य बचे हुए पार्ट को कम से कम एक सतही तौर पर तैयार करना चाहिए. यह अनडिफाइंड सिलेबस में तैयारी करने का एक जरुरी और बढ़िया तरीका हो सकता है. मेंस की परीक्षा में सिलेबस का महत्व ज्यादा होता है.