कोरोना के बाद ई-श्रम पोर्टल पर हो रहा था रजिस्ट्रेशन:राज्य में 83 लाख हो गए मजदूर, केंद्र ने 63 लाख नए श्रमिकों का भेजा डाटा

छत्तीसगढ़ में मजदूरों की संख्या 83 लाख होने वाली है यानी प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग एक तिहाई। अचानक से बढ़े मजदूरों के पीछे की कहानी कोरोना काल से शुरू होती है। 2020 में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद केंद्र सरकार ने ईश्रम नाम का एक पोर्टल शुरू किया। जिसमें देश के सभी श्रमिकों को निशुल्क रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया, जिससे वे केंद्र की योजनाओं का लाभ ले सकें। 2023 तक छत्तीसगढ़ से 63 लाख लोगों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया।
हाल ही में यह डाटा केंद्र ने राज्य को सौंप दिया है। अब प्रदेश में कैंप लगाकर इन नए श्रमिकों का पंजीयन किया जा रहा है। इसमें से करीब 20 लाख ऐसे मजदूर मिले हैं जिन्होंने ईश्रम में भी रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। बता दें कि अब तक प्रदेश में 40 लाख संगठित और असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं। इन श्रमिकों को लेकर 29 तरह की योजनाएं चल रही हैं। अब नए मजदूरों को इन योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
ये हैं प्रमुख योजनाएं
- मृत्यु सहायता योजना में किसी श्रमिक के मरने पर उसके परिजन को एक लाख दिया जाता है।
- ई-रिक्शा खरीदने पर 50 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाती है।
- प्रसव के बाद 20 हजार रुपए महिला श्रमिक को दिए जाते हैं।
- 500 से लेकर 10 हजार रुपए तक छात्रवृित्त दी जाती है।
- सिलाईमशीन, साइकिल देने जैसी योजनाएं भी हैं।
गड़बड़ियां भी आ रहीं सामने
विभाग के सूत्रों की मानें तो पंजीयन के दौरान कई गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं। ई श्रम पोर्टल में ऐसे लोगों ने भी रजिस्ट्रेशन करवा लिया था जो पात्र नहीं है। अब कैंप के दौरान जब उनका पंजीयन करवाया जा रहा है, तो यह बातें सामने निकलकर आ रही है। ऐसे में 63 लाख नए श्रमिकों में 5-10 प्रतिशत लोग कम हो जाएंगे।
56 कैटेगरी में हैं श्रमिक
मजदूरों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। संगिठत और असंगठित। असंगठित को 56 कैटेगरी में बांटा गया है। ई-श्रम पोर्टल के तहत अधिकतर असंगठित श्रमिकों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसमें खेतीहर मजदूर, कुली, हमाल, दर्जी, सफाई कामगार, ठेका मजदूर, रसोइया, मितानीन, फुटकर सब्जी-फल विक्रेता, आटो चालक, नाई, फेरी लगाने वाले, पेपर बांटने वाले हॉकर, मोची, माली, आंगनबाड़ी सहायिका जैसे लोग शामिल है।
कोरोना काल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ईश्रम पोर्टल बनाया गया था। इसमें प्रदेश से 63 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। अब इनका पंजीयन कैंप लगाकर किया जा रहा है।
-सविता मिश्रा, अपर श्रमायुक्त