खाद-बीज की किल्लत पर गरमाया सियासी माहौल: औंधी-बटंग सोसायटी पहुँचे दुर्ग कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर
कांग्रेस का प्रदेशव्यापी विरोध जारी, दुर्ग जिले की सोसाइटियों में धरना-प्रदर्शन, किसानों के हक की लड़ाई में कांग्रेस नेता उतरे मैदान में

छत्तीसगढ़ में किसानों को समय पर खाद और बीज न मिलने की समस्या को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। दुर्ग जिले में चल रहे प्रदर्शन के दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने औंधी और बटंग सेवा सहकारी समितियों का दौरा कर किसानों के साथ समर्थन जताया और राज्य सरकार से तत्काल समाधान की मांग की।
दुर्ग। प्रदेश के किसान इन दिनों खाद और बीज की कमी से जूझ रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा समय पर आवश्यक कृषि सामग्री उपलब्ध कराने के दावों के बावजूद ज़मीनी हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों की आवाज़ बुलंद करते हुए प्रदेश भर की सेवा सहकारी समितियों के समक्ष धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
इसी क्रम में दुर्ग जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर सोमवार को औंधी और बटंग की सहकारी समितियों में पहुंचे। उन्होंने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए प्रदर्शन में भाग लिया और कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिल जाता।
ठाकुर ने बताया कि पूरे दुर्ग जिले की समितियों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की निगरानी में प्रदर्शन हो रहा है और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे जा रहे हैं। जिला अध्यक्ष स्वयं आंदोलन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि किसी भी समिति में किसानों की समस्याएं अनदेखी न हों।
यह आंदोलन छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश पर 25 से 30 जून तक चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य किसानों के लिए खाद और बीज की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान जुटे। इस दौरान प्रमुख रूप से ललित सिन्हा, अमृत सिंह राजपूत, राजेश बघेल, अनिल सिरसिहा, छत्रपाल सिंह, सहित कई नेता और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। किसानों की ओर से स्पष्ट मांग है कि अगर समय रहते खाद-बीज की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मौजूदा सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही, और अगर यही हाल रहा तो खरीफ की फसल पर बड़ा असर पड़ सकता है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि वे किसानों की लड़ाई को सदन से सड़क तक ले जाएंगे।