दुर्ग मासूम रेप-मर्डर केस: न्याय की मांग को लेकर कांग्रेस का बड़ा आंदोलन, राज्यपाल से मिलकर CBI जांच की करेगी मांग

दुर्ग मासूम रेप-मर्डर केस: न्याय की मांग को लेकर कांग्रेस का बड़ा आंदोलन, राज्यपाल से मिलकर CBI जांच की करेगी मांग

दुर्ग/रायपुर |  छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी और उसकी हत्या के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस संवेदनशील मामले में पुलिस जांच को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कांग्रेस ने अब न्याय की लड़ाई को सड़क से लेकर राजभवन तक ले जाने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की अगुवाई में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल 13 अप्रैल को राज्यपाल से मुलाकात करेगा और CBI से जांच कराने की औपचारिक मांग करेगा।

18 अप्रैल से ‘न्याय पथ यात्रा’, 21 को CM हाउस का घेराव
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर एक व्यापक जनआंदोलन छेड़ने का फैसला लिया है। पार्टी 18 अप्रैल को दुर्ग से रायपुर तक 'न्याय पथ यात्रा' निकालेगी और 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पीड़ित परिवार को न पुलिस पर भरोसा है और न सरकार पर। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्ची के चाचा को जबरन फंसाया गया है जबकि असली अपराधी अब भी आज़ाद घूम रहा है।

 आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि जांच के नाम पर पुलिस ने परिवार के बुजुर्गों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया, जबरन बयान और कबूलनामे करवाने की कोशिश की। यहां तक कि मृतक बच्ची की हमउम्र बुआ को भी पीटा गया, जिससे उसके चेहरे में गंभीर चोटें आईं। जांच को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि पुलिस द्वारा चिन्हित क्राइम सीन पर कोई दरवाजा ही नहीं था। उस वक्त घर में और लोग भी मौजूद थे, जिन्हें नजरअंदाज किया गया।

प्रदेश में उबाल, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
घटना के बाद राज्यभर में लोगों का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा है। दुर्ग में आरोपी के घर में आगजनी हुई, बलौदाबाजार में कलेक्टर और एसपी कार्यालय को भी नुकसान पहुंचाया गया। कांग्रेस ने इसे राज्य की कानून व्यवस्था की विफलता करार दिया है।

पार्टी ने दुर्ग के एसपी और संबंधित थाना प्रभारी को हटाने, और गृहमंत्री से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर इस्तीफा नहीं दिया गया, तो मुख्यमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।

“यह सिर्फ राजनीति नहीं, बेटियों की आवाज़ है”
कांग्रेस ने साफ कहा है कि यह आंदोलन केवल राजनीतिक विरोध नहीं है, बल्कि उन तमाम बेटियों की आवाज़ है, जो आज भी न्याय के इंतजार में हैं। 'न्याय पथ यात्रा' के माध्यम से पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि बेटियों की सुरक्षा सिर्फ चुनावी वादा नहीं, हकीकत बननी चाहिए।