नए कानूनों पर प्रशिक्षण में बोले डीआईजी: "मजबूत विवेचना से मिलेगा पीड़ितों को न्याय"

प्रशिक्षण सत्र में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी हुए शामिल, कानूनों की समझ से बढ़ेगा सशक्त न्याय तंत्र

सूरजपुर पुलिस द्वारा आयोजित नवीन आपराधिक कानूनों के प्रशिक्षण सत्र में डीआईजी व एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने कहा कि मजबूत और तकनीकी विवेचना भले ही समय लेती है, लेकिन इसका उद्देश्य पीड़ित को न्याय दिलाना है। उन्होंने प्रशासनिक समन्वय की अहमियत पर जोर देते हुए सभी विभागों को नए कानूनों की गहन जानकारी से लैस करने की बात कही।

सूरजपुर। जिले में शुक्रवार, 13 जून 2025 को पुलिस विभाग द्वारा आयोजित नवीन आपराधिक कानूनों के प्रशिक्षण सत्र में डीआईजी व एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने कहा कि “मजबूत विवेचना में समय जरूर लगता है, लेकिन यह न्याय सुनिश्चित करने में प्रभावी साबित हो रहा है।” उन्होंने कहा कि अपराधों की जांच में अब डिजिटल सबूत, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी जैसे आधुनिक तरीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया और अधिक सशक्त हो रही है।

डीआईजी ठाकुर ने यह भी बताया कि प्रशासन और पुलिस विभाग के समन्वय से विवेचना को और पुख्ता बनाया जा सकता है, जिससे दोषियों की सजा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नवीन कानूनों की गहराई से समझ लेने की सलाह दी ताकि आम जनता तक सही जानकारी पहुंचाई जा सके।

कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन ने भी सभी विभागों के प्रमुखों और अधीनस्थों को इस प्रशिक्षण में भाग लेने के निर्देश दिए थे। इस अवसर पर एएसपी संतोष महतो, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, डीएसपी रितेश चौधरी, एसआई विराट विशि समेत कई अधिकारियों ने विधिक बदलावों, अपराध की विवेचना और कानूनी प्रक्रियाओं की विस्तार से जानकारी दी।

प्रशिक्षण के दौरान "नवजीवन" नशा मुक्ति अभियान के तहत सभी प्रतिभागियों को नशा विरोधी संकल्प भी दिलाया गया। डीआईजी ठाकुर ने सभी को छत्तीसगढ़ को स्वस्थ, विकसित और नशामुक्त राज्य बनाने की दिशा में व्यक्तिगत रूप से संलग्न होने का आह्वान किया। इस प्रशिक्षण सत्र में शिक्षा, समाज कल्याण, श्रम, परियोजना, उप पंजीयक, रेशम विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी तथा पुलिसकर्मी शामिल हुए।