भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रोपेन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल, आग और गैस रिसाव की परिकल्पना पर हुई त्वरित कार्रवाई
संवेदनशील क्षेत्र में आयोजित इस मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों ने लिया सक्रिय भाग, आधे घंटे में पाया स्थिति पर नियंत्रण

भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रोपेन प्लांट-2 में 26 जुलाई को एक आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। यह अभ्यास संयंत्र की आपातकालीन तैयारियों और विभागों के बीच समन्वय को परखने के लिए किया गया, जिसमें आग लगने और गैस रिसाव की परिकल्पना के आधार पर वास्तविक जैसी स्थिति उत्पन्न की गई थी।
भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रोपेन प्लांट-2 में 26 जुलाई 2025 को प्रातः 11:00 बजे एक आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। ड्रिल का उद्देश्य आकस्मिक आपदा स्थितियों में कर्मचारियों और संबंधित एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं का मूल्यांकन करना था। यह अभ्यास वैधानिक दिशानिर्देशों और विभागीय प्रोटोकॉल के अनुरूप आयोजित हुआ।
प्रोपेन प्लांट-2 अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, जहां दो 225 टन क्षमता वाले प्रोपेन टैंक मौजूद हैं। ड्रिल के दौरान परिकल्पित किया गया कि अनलोडिंग एरिया में सफाई कार्य के दौरान प्रोपेन गैस का रिसाव हुआ, जिससे आग लग गई और एक कर्मचारी चपेट में आ गया। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए घायल को सुरक्षित बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार दिया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए साइट इंचार्ज श्री डी.पी. सिंह ने शिफ्ट इंचार्ज श्री अनंत किस्कू को सूचित किया, जिन्होंने तुरंत मुख्य महाप्रबंधक (उपयोगिताएँ) श्री जे.पी. सिंह को जानकारी दी। प्रोपेन प्लांट कंट्रोल रूम से आपातकालीन सायरन बजाकर सभी संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया।
इस अभ्यास में सहायक महाप्रबंधक श्री आर.के. चंद्रा, सहायक प्रबंधक श्री अदावत नागेन्धर के साथ-साथ सीआईएसएफ यूनिट, अग्निशमन, सुरक्षा अभियांत्रिकी, सिविल डिफेंस, पर्यावरण प्रबंधन, मानव संसाधन और एमएमपी-1 विभागों की टीमें शामिल रहीं। सभी एजेंसियों ने समन्वय के साथ स्थिति को संभाला और 11:30 बजे “ऑल क्लियर” सायरन बजाया गया।
ड्रिल के समापन के बाद आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्य महाप्रबंधक श्री जे.पी. सिंह ने सभी विभागों की तत्परता और सहयोग की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी मॉक ड्रिल्स सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाती हैं और कर्मचारियों में आत्मविश्वास पैदा करती हैं।