1008 मीटर भगवा ध्वज संग शिवनाथ कांवड़ यात्रा: सनातन चेतना और एकता की अद्वितीय मिसाल

33 किमी लंबी पदयात्रा में उमड़ा जनसैलाब, गूंजे हर हर महादेव के जयघोष; दीपमालिका और आरती से शिवनाथ तट हुआ आलोकित

श्रावण मास के पुण्य अवसर पर दुर्ग जिले में ऐतिहासिक शिवनाथ कांवड़ यात्रा का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने 1008 मीटर के भव्य भगवा ध्वज संग खारून से शिवनाथ नदी तक 33 किमी की यात्रा पूरी की। हर हर महादेव और बोल बम के घोष से गूंजते मार्ग में सामाजिक समरसता, सनातन संस्कृति और एकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।

भिलाई। श्रावण मास की पवित्र बेला में दुर्ग जिले में सनातन परंपरा को जीवंत करते हुए ऐतिहासिक शिवनाथ कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा खारून नदी कुम्हारी से आरंभ होकर महामरा घाट शिवनाथ नदी तक 33 किलोमीटर तक चली, जिसमें 1008 मीटर लंबा भगवा ध्वज आकर्षण का केंद्र रहा।

कांवड़ यात्रा के संरक्षक उपकार चंद्राकर के नेतृत्व में निकली इस यात्रा में हजारों शिवभक्तों ने भाग लिया। श्रद्धालुओं ने शिवभक्ति, एकता और सनातन मूल्यों के जयघोष करते हुए “एक राष्ट्र, एक धर्म, एक समाज - सनातन एवं मानवता” का संदेश दिया।

पूरे मार्ग में "हर हर महादेव" और "बोल बम" के गगनभेदी नारों से वातावरण भक्तिमय बना रहा। महिलाओं, युवाओं, बच्चों और विभिन्न समाजों की सक्रिय भागीदारी ने इस यात्रा को सांस्कृतिक पुनर्जागरण का स्वरूप प्रदान किया।

इस भव्य आयोजन का आध्यात्मिक नेतृत्व परम पूज्य आचार्य नरेंद्र शास्त्री जी (चाय वाले बाबा) ने किया। उनके मार्गदर्शन में विशाल भगवा ध्वज को यात्रा में आगे ले जाया गया, जो सनातन अमरत्व और अखंडता का प्रतीक बन गया।

शिवनाथ तट पर दीपमालिका और मंत्रोच्चार के साथ आयोजित भव्य गंगा आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। आरती के समय दीपों की रौशनी, मंत्रों की ध्वनि और श्रद्धालुओं की आस्था ने घाट को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

सतनामी, गोंड, आदिवासी, यादव, साहू, माहरा, ठाकुर, सिंधी, ब्राह्मण, वैश्य, रजक, कुर्मी, जैन समेत अनेक समुदायों ने उत्साह से भाग लिया। इस यात्रा ने उन समाजों को भी जोड़ा जिन्हें अतीत में सनातन से तोड़ने का प्रयास किया गया था।

पूरे मार्ग में कांवड़ियों का भव्य स्वागत किया गया। विभिन्न समाजों, संगठनों और स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा, तिलक, भंडारे, फल, जल एवं प्रसाद वितरण कर शिवभक्तों का सेवा भाव से सत्कार किया।