स्कूल बसों की जांच में सामने आई लापरवाही, 08 बसों पर हुई कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत पुलिस ग्राउंड, भिलाई में यातायात पुलिस और परिवहन विभाग का संयुक्त निरीक्षण शिविर आयोजित।

छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दुर्ग जिले में स्कूल बसों की व्यापक जांच की गई। 14 जून 2025 को भिलाई सेक्टर-6 स्थित पुलिस ग्राउंड में आयोजित संयुक्त शिविर में 16 स्कूलों की 167 बसों की जांच की गई, जिनमें से 08 में खामियाँ पाई गईं और उन पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।
भिलाई। छात्रों के सुरक्षित आवागमन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुरूप दुर्ग यातायात पुलिस और परिवहन विभाग ने 14 जून 2025 को भिलाई के सेक्टर-6 स्थित पुलिस ग्राउंड में संयुक्त रूप से स्कूल बस निरीक्षण शिविर का आयोजन किया। इस अभियान का उद्देश्य स्कूल बसों की तकनीकी और दस्तावेजीय जांच के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना था।
शिविर के पहले चरण में जिले के 16 शैक्षणिक संस्थानों की कुल 167 बसों की गहन जांच की गई। जाँच प्रक्रिया में सबसे पहले सभी बसों का पंजीकरण किया गया, तत्पश्चात परिवहन विभाग द्वारा दस्तावेजों जैसे—रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, तथा चालक का ड्राइविंग लाइसेंस आदि की सत्यता की जांच की गई।
वाहनों की यांत्रिक स्थिति की जांच में हेडलाइट, ब्रेक लाइट, इंडिकेटर, बैक लाइट, टायरों की स्थिति, हॉर्न, वाइपर, रिफ्लेक्टर, क्लच, एक्सीलेटर, स्टेयरिंग, सीटें आदि शामिल थे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मानकों के अनुसार जरूरी सुरक्षा उपकरण जैसे जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, इमरजेंसी विंडो, अग्निशमन यंत्र, फर्स्ट एड बॉक्स, और वाहन पर स्पष्ट रूप से स्कूल बस लिखा होना अनिवार्य था।
जांच में कुल 08 बसों में कमियाँ पाई गईं—02 बसों में वाइपर नहीं थे, 01 में फिटनेस प्रमाणपत्र की कमी, 04 चालकों के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था तथा 01 बस में हेडलाइट काम नहीं कर रही थी। इन सभी पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान कर कुल ₹9000 का समन शुल्क वसूला गया।
इसके अतिरिक्त बस चालकों और परिचालकों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया, जिसमें आंखों की जांच पर विशेष ध्यान दिया गया। इस जांच में 91 चालकों को दृष्टि संबंधित समस्याएं पाई गईं, जिन्हें चश्मा लगाने या चश्मे का नंबर सही कराने की सलाह दी गई।
संयुक्त टीम द्वारा निर्देशित किया गया कि जिन वाहनों में कमियाँ पाई गईं हैं, वे सुधार कर पुनः जांच के लिए प्रस्तुत हों। शेष शैक्षणिक संस्थानों की बसों की जांच 15 जून 2025 को की जाएगी।