सत्र पहले 8वें डिप्टी स्पीकर की हो सकती है नियुक्ति

सत्र पहले 8वें डिप्टी स्पीकर की हो सकती है नियुक्ति

प्रदेश में डिप्टी स्पीकर की तलाश की जा रही है। विधानसभा के बजट सत्र से पहले इसकी घोषणा हो जाएगी। पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद पुन्नूलाल मोहिले के नाम की भाजपा में चर्चा है। स्पीकर की गैर मौजूदगी में डिप्टी स्पीकर को स्पीकर के सारे अधिकार होते हैं। वे हाउस का संचालन करते हैं। सदस्य उन्हें उपाध्यक्ष महोदय कहकर संबोधित करते हैं।

स्पीकर को सीएम व केबिनेट मंत्री के बीच का वेतन मिलता है। सुविधाएं उन्हें केबिनेट मंत्री और डिप्टी स्पीकर को राज्यमंत्री की तरह मिलती हैं। हालांकि डिप्टी स्पीकर फाइलों पर साइन नहीं करते। छत्तीसगढ़ में सीएम व मंत्रियों के पद 13 तक सीमित हो जाने के बाद डिप्टी सीएम पर किसी विधायक की नियुक्ति से सत्ता पक्ष को एक अतिरिक्त पद अनाबंटित करने का अवसर मिल जाता है।

परंपरा भी हुई खत्म

छत्तीसगढ़ में मप्र की परंपरा को कायम रखते हुए विपक्ष के विधायक बनवारीलाल अग्रवाल प्रथम डिप्टी स्पीकर बनाए गए थे। अग्रवाल पर राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहने का आरोप लगा। विवाद बढ़ने पर जोगी सरकार अविश्वास प्रस्ताव लाया। मत विभाजन से पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह धरमजीत सिंह को मिली।

ऐसे होता है सदन का संचालन

स्पीकर व डिप्टी स्पीकर दोनों ही सदन में उपस्थित न होने पर सदन का संचालन कौन करेगा। इसकी भी व्यवस्था संसदीय प्रावधानों में की गई है। स्पीकर व डिप्टी स्पीकर हाउस में मौजूद नहीं हैं तो वरिष्ठ विधायकों की एक सभापति तालिका होती है।

यह पद अब सिर्फ छत्तीसगढ़ में

देश में लोकसभा के बाद केवल छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश विधानसभा में डिप्टी स्पीकर का चयन किया जाता है। मध्यप्रदेश से 1 नवंबर 2000 को अलग होने पर छत्तीसगढ़ में ही यह परंपरा कायम रही कि िडप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता रहा। अब यह परंपरा विलुप्त हो गई है। बहरहाल मध्यप्रदेश में हाल ही खत्म हुए भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी डिप्टी स्पीकर नहीं बनाया गया था।