Eye Flu Treatment : 10 दिन से ठीक नहीं हो रहा आई फ्लू? 5 बातों का रखें ध्यान, 24 घंटे में मिल जाएगा आराम
आई फ्लू का संक्रमण तेजी से फैलने के पीछे लोगों का सार्वजनिक जगहों, सार्वजनिक वाहनों और सार्वजनिक स्थानों पर जाना है. इसके साथ ही लोग कोरोना के दौरान अपनाए गए वायरस विरोधी व्यवहार को भी भूल गए हैं. डॉ. अंकुर त्रिपाठी से जानें बचाव के उपाय.

Eye Flu: आई फ्लू की बीमारी अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही. हजारों की संख्या में लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. तीन से 7 दिन तक चल रहा आंखों का यह संक्रमण कई बार 10-10 दिन में भी पूरी तरह ठीक नहीं हो रहा है और आंखों में लाली के साथ कंजक्टिवाइटिस के लक्षण बने हुए हैं. इसके पीछे आंखों की कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है. वहीं आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आई फ्लू के पीछे आपका रोजाना का खान-पान भी बड़ी वजह हो सकता है, जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अंकुर त्रिपाठी बताते हैं कि वैसे तो बरसात के मौसम में आंखों का संक्रमण होना संभव है लेकिन इस बार वायरल कंजक्टिवाइटिस यानि आई फ्लू के तेजी से फैलने का कारण ये है कि इस बार लोगों ने पहले से कोई सावधानी नहीं रखी. कोरोना के दौरान बरती गई एहतियात भूलने के चलते होता ये है कि लोग आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं. उनको स्पर्श कर देते हैं. आयुर्वेद में आई फ्लू जैसे संक्रमण फैलने के कई कारण बताए हैं, जैसे संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने से, साथ में सोने से, साथ में खाना खाने से, हाथ मिलाने से, गले मिलने से, उनके कपड़े जैसे, तौलिया, रूमाल, गमछा, तकिया, बिस्तर आदि का उपयोग करने से या फिर अपने हाथों से बार बार मुख, आंखें इत्यादि छूने से भी आई फ्लू हो सकता है. वहीं मेट्रो ट्रेनों, बसों, सार्वजनिक वाहनों या सार्वजनिक जगहों पर जाने से भी यह तेजी से फैल रहा है.
एक आंख दूसरी आंख में फैलने का कारण- अगर एक आंख में कंजक्टिवाइटिस है और आप उसे छूते या खुजली होने पर रगड़ते हैं, इसके बाद फिर बिना साबुन से हाथ धोए उसी हाथ से दूसरी आंख को भी छू लेते हैं तो इससे भी दूसरी आंख संक्रमित हो जाती है. इससे आंखों का सफेद भाग यानि कंजक्टिवा में सूजन हो जाती हैं और यह पलकों की आंतरिक परत तक पहुंच जाती है. वहीं जब सफ़ेद भाग की सूक्ष्म रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं तो आंखों का यह सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है.
खानपान भी है जिम्मेदार- डॉ. अंकुर कहते हैं कि बरसात के मौसम में हमेशा शुद्ध, हल्का, सुपाच्य और हाईजीन के साथ बनाया हुआ भोजन करने की सलाह दी जाती है. इस मौसम में भारी, गरिष्ठ या अधिक तेल वाला भोजन करने से पेट में आम बन जाता है या फिर कब्ज भी हो जाती है. बरसात के मौसम में पाचन शक्ति कमजोर होती हैं ऐसे में अपच रहने या खाना सही से ना पचने की भी परेशानी होती है. यही वजह है कि इस मौसम में आंखों के रोग बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती हैं. वहीं अगर वायरस का संक्रमण है तो खान-पान खराब रहने पर आई फ्लू के एडिनोवायरस जैसे वायरस बहुत तेजी से फैलने की संभावना होती है.
कैसा रखें खानपान- डॉ. अंकुर कहते हैं कि इस मौसम में किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए ताजा बना हुआ खाना खाएं. वहीं जितनी भूख लगी है उससे थोड़ा कम ही भोजन करें. इस मौसम में बासी व ठंडा या ज्यादा समय तक फ्रिज में रखा हुआ भोजन बिल्कुल न करें. इस मौसम में मसालों और खान-पान के सामान में नमी के चलते फंगस आदि लगने की भी दिक्कत ज्यादा होती है इसलिए सभी चीजों को देखकर ही इस्तेमाल करें. आहार-विहार के नियमों का पालन जरूर करें.
कोरोना की तरह बरतें सावधानी- डॉ. अंकुर कहते हैं कि अगर समय पर सावधान रहें और साधारण चिकित्सा करते रहें तो उससे तीन-सात दिन में ठीक हुआ जा सकता है लेकिन चिकित्सक का उचित परामर्श जरूरी हैं. अगर इतने पर भी आंख की बीमारी ठीक नहीं हो रही है तो किसी नेत्र विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं. हो सकत है कि आंख में आई फ्लू के बजाय कोई और बीमारी हो. इसके साथ ही खानपान को भी ठीक रखें. मरीज सीधे मेडिकल से दवाई लेकर या स्टेरॉइड या इससे बनी आई ड्रॉप डालने से बचें. इसके साथ ही कोरोना की तरह वायरस से बचाव के लिए सेनिटाइजर, साबुन से बार बार हाथ धोना, आंखों को न छूना जैसी गतिविधियों का ध्यान रखें.