सावन मास का अंतिम सोमवार और प्रदोष आज, बन रहे 5 दुर्लभ संयोग, इस विधि से करें महादेव को प्रसन्न
सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हुई थी. अब सावन का महीना समाप्त होने वाला है. आज सावन का अंतिम सोमवार और प्रदोष व्रत रखा जाएगा. जिस दिन 5 दुर्लभ सहयोग बना रहे हैं जिसमें भगवान शिव आराधना करना शुभ फलदाई माना जा रहा है.

Last Sawan Somwar And Pradosh 2023 : सावन का महीना अपने अंतिम चरण पर है और 31 अगस्त 2023 को इसका समापन हो जाएगा. आज दिनांक 28 अगस्त 2023 को श्रावण मास का अंतिम सोमवार और प्रदोष व्रत है. आज इस खास मौके पर भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने और प्रदोष का व्रत रखने से जातक को दोगुना फल प्राप्त होगा. आज के दिन पांच शुभ संयोग भी बन रहे हैं. जिसमें भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना शुभ फलदाई माना जा रहा है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं दुर्लभ संयोग और पूजा विधि के बारे में.
28 अगस्त को व्रत करने से प्रदोष व्रत और सावन सोमवार व्रत दोनों का फल मिलेगा. सावन के अंतिम सोमवार और प्रदोष पर महादेव का रुद्राभिषेक करना लाभकारी माना जाता है.
5 दुर्लभ संयोग
आयुष्मान योग – प्रात:काल से सुबह 09:56 बजे तक रहेगा
सौभाग्य योग – सुबह 09:56 बजे से पूरी रात रहेगा
सर्वार्थ सिद्धि योग – मध्यरात्रि 02:43 से आरंभ होकर अगले दिन 29 अगस्त को सुबह 05:57 बजे तक रहेगा.
रवि योग – मध्यरात्रि 02:43 बजे से 29 अगस्त सुबह 05:57 बजे तक
28 अगस्त को सोमवार और प्रदोष व्रत दोनों व्रत का शुभ फल प्राप्त होगा.
सोम प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 28 अगस्त 2023 दिन सोमवार की शाम 06:48 बजे से शुरु होकर 29 अगस्त 2023 दिन मंगलवार को दोपहर 02:47 बजे तक रहेगी. पूजा का शुभ मुहूर्त 28 अगस्त की शाम 06:48 बजे से रात 09.02 बजे तक रहेगा
इस विधि से करें सोम प्रदोष व्रत पूजा
सोम प्रदोष के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
इसके बाद शिवलिंग का जलाभिषेक कर व्रत का संकल्प लें.
सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में शिव परिवार की पूजा करें और गंगाजल, शहद, दूध, दही, और घी से अभिषेक करें.
इसके बाद शिवलिंग पर भांग, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और आंकड़े का फूल चढ़ाएं. अब भगवान शिव से प्रार्थना करते हुए मन ही मन अपनी मनोकामना दोहराएं.
प्रदोष का व्रत करने वाले जातकों को अगले दिन व्रत का पारण कर जरूरतमंदों को दान अवश्य करना चाहिए.