दुर्घटना में फटी किडनी, आरोग्यम अस्पताल में बिना सर्जरी सफल इलाज से बची जान

भिलाई। एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुए 14 वर्षीय बालक की किडनी फट गई थी। स्थिति बेहद गंभीर थी, लेकिन आरोग्यम अस्पताल के डॉक्टरों की विशेषज्ञता और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं ने उसे नया जीवन दिया। खास बात यह रही कि बिना सर्जरी, केवल दवाइयों और स्टेंट के जरिए उसका सफल इलाज किया गया।
दुर्घटना के बाद बालक को पहले अन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे उन्नत इलाज के लिए आरोग्यम अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां डॉक्टरों ने तुरंत उसकी जांच की और पाया कि उसकी एक किडनी फट चुकी थी। आंतरिक रक्तस्राव हो रहा था और पेशाब के जरिए भी खून आ रहा था, जिससे स्थिति और भी नाजुक हो गई थी। आरोग्यम अस्पताल के प्रमुख यूरोलॉजिस्ट डॉ. नवीन राम दारुका और उनकी टीम ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सर्जरी न करने का फैसला लिया। उन्होंने दवाइयों और स्टेंट के माध्यम से उपचार शुरू किया, जिससे बालक की किडनी धीरे-धीरे ठीक होने लगी। विशेषज्ञ उपचार के चलते कुछ ही दिनों में उसकी हालत में सुधार दिखने लगा और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।
मरीज के परिवार ने आरोग्यम अस्पताल के डॉक्टरों और पूरे चिकित्सा दल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन डॉक्टरों की कुशलता और अस्पताल की आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं ने हमारे बच्चे को नया जीवन दिया। बिना सर्जरी इतनी गंभीर चोट से उबरना हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं।"
आरोग्यम अस्पताल – विशेषज्ञता और उन्नत चिकित्सा सुविधाओं का केंद्र
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि आरोग्यम अस्पताल अपनी उन्नत चिकित्सा सेवाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की बदौलत जटिल से जटिल मामलों का भी कुशलतापूर्वक इलाज कर रहा है। बिना सर्जरी किए किडनी को ठीक करने की यह उपलब्धि अस्पताल की विशेषज्ञता और आधुनिक चिकित्सा पद्धति की सफलता को दर्शाती है।