पासपोर्ट के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं, पति-पत्नी का नाम दस्तावेजों में मिलना चाहिए

अभी सर्टिफिकेट के लिए च्वाइस सेंटरों के चक्कर काटने पड़ रहे थे, परेशान हो रहे थे लोग, केंद्र सरकार ने पासपार्ट बनाने के नियम में किया बड़ा बदलाव

पासपोर्ट के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं, पति-पत्नी का नाम दस्तावेजों में मिलना चाहिए

पासपोर्ट बनाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। केंद्र सरकार के पास लगातार इस बात की शिकायत पहुंच रही थी कि मैरिज सर्टिफिकेट बनाने लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बार-बार कलेक्टोरेट और च्वाइस सेंटरों के चक्कर काटने पड़ रहे थे।

मैरिज सर्टिफिकेट बनाने के लिए शादी का कार्ड, निकाहनामा, जहां विवाह किया वहां का पंजीयन समेत कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। लोग शादी के कई साल बाद ही सर्टिफिकेट बनवाते हैं ऐसे में उन्हें कई पुराने दस्तावेज नहीं मिल पाते हैं। इससे उनका आवेदन रिजेक्ट हो जा रहा था। इस तरह की कई परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पासपोर्ट बनाने के नियम में बड़ा बदलाव कर दिया है।    

अब पासपोर्ट बनाने के लिए जिन लोगों के पास मैरिज सर्टिफिकेट नहीं हैं, उन्हें एनेक्सचर-जे देना अनिवार्य होगा। लेकिन पासपोर्ट के आवेदन के लिए आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, पैन कार्ड आदि शासकीय दस्तावेजों में पति-पत्नी का नाम मेल खाना चाहिए। यानी सभी दस्तावेजों में नाम एक जैसा ही होना चाहिए। इसके बाद उन्हें केवल एनेक्सचर-जे ही देना होगा। इस फार्म दोनों से संबंधित जानकारी ​देनी होती है। इससे मैरिज सर्टिफिकेट को लेकर लोगों की कई तरह की 

परेशानियां खत्म हो जाएंगी।

नए आवेदन करने वालों को बड़ी राहत

जो लोग अभी नया पासपोर्ट बनवा रहे हैं उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। बस पति-प|ी का नाम आवेदन के साथ लगाए गए दस्तावेजों में मेल खाना चाहिए। फॉर्म में वही नाम लिखें जो मार्कशीट या अन्य प्रमाणपत्र में दर्ज है। आवेदन में लिखा पता भी जो दस्तावेज दिए जा रहे हैं उससे मेल खाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर दोनों के आधार कार्ड में घर का पता एक समान होना चाहिए। एनेक्सचर-जे एक संयुक्त स्व-घोषणा पत्र है। यह विवाह प्रमाणपत्र के विकल्प के रूप में काम करेगा। इसमें पति-पत्नी अपने नाम व पते की घोषणा करते हैं। वे उल्लेख करते हैं कि दोनों विवाहित हैं और अभी एक साथ रह रहे हैं।

कई हफ्ते लग जा रहे थे सर्टिफिकेट बनाने में

मैरिज सर्टिफिकेट बनाने के लिए लोगों को कई हफ्ते लग जा रहे थे। ऑनलाइन आवेदन करने के साथ कई बार च्वाइस सेंटर वाले उनसे अतिरिक्त रकम की मांग करते हैं। शादी का कार्ड नहीं मिलने पर उसे फिर से दोबारा प्रिंट करवाना पड़ रहा था। एक कार्ड छापने के लिए ज्यादा पैसे मांगे जा रहे थे। जिन लोगों के पास शादी के वक्त का प्रमाम पत्र खो गया था उसकी कॉपी निकालने में भी काफी परेशानी हो रही थी। इसके लिए भी समय और पैसा दोनों खर्च हो रहा था। यानी एक सर्टिफिकेट बनाने के लिए कई तरह की परेशानियां हो रही थी।

देना होगा संयुक्त घोषणा पत्र

मैरिज सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म की गई है। इस सर्टिफिकेट के विकल्प में पति-पत्नी को संयुक्त स्व घोषणा पत्र एनेक्सचर-जे भरना होगा। इसमें दोनों की सभी जानकारी होगी। जो जानकारी दी जाएगी वो आवेदन के साथ किए गए दस्तावेजों के साथ मेल खाना जरूरी है।