स्मार्ट मीटर: हजारों उपभोक्ता इस साल अंत तक फोन की तरह बिजली भी रिचार्ज करने लगेंगे

स्मार्ट मीटर: हजारों उपभोक्ता इस साल अंत तक फोन की तरह बिजली भी रिचार्ज करने लगेंगे

राजधानी समेत रायपुर संभाग में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने का काम टाटा ग्रुप को मिल गया है। कंपनी सितंबर से सरकारी और व्यावसायिक परिसरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू करेगी। इस साल के अंत तक एबीडी एरिया (घने शहर) के हजारों घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी है। स्मार्ट मीटर दरअसल प्री-पेड मीटर हैं।

यानी ये हजारों कंज्यूमर अपने घर की बिजली के लिए मोबाइल की तरह रिचार्ज करेंगे और जितना बैलेंस रहेगा, उतनी बिजली मिलती रहेगी। बैलेंस खत्म को बिजली सप्लाई खुद ब खुद बंद हो जाएगी। माना जा रहा है कि परिसरों के अलावा काफी संख्या में आम बिजली कंप्यूमर इसी साल के अंत तक अपने घर के लिए बिजली रिचार्ज करने लगेंगे।

रायपुर समेत संभाग में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टाटा ग्रुप को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने हाल में लेटर आफ अवार्ड (एलओए) भी जारी कर दिया है। इस लेटर के बाद कंपनी इस प्रोजेक्ट के लिए अधिकृत हो गई है। कंपनी के अधिकारी जल्द आकर रायपुर में अपना एक सेटअप तैयार करेंगे। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए साफ्टवेयर तैयार करना, मीटर बनाने और अन्य तकनीकी काम पूरा करने के बाद पुराने मीटर काे बदलने होगा।

यह काम रायपुर में सितंबर से शुरू हो जाएगा। रायपुर संभाग के अलावा बिलासपुर-सरगुजा संभाग के लिए हाई प्रिंट (जीनस) कंपनी को भी एलओए जारी कर दिया गया है। दुर्ग संभाग के लिए जारी गया टेंडर निरस्त कर दिया गया है और नया टेंडर जारी किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में करीब चार हजार करोड़ रुपए के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना के लिए बिजली कंपनी ने तीन टेंडर जारी किए थे। रायपुर संभाग के लिए टाटा पावर को 1744 करोड़ का टेंडर मिला है। बिलासपुर और अंबिकापुर के लिए 1600 करोड़ का काम जीनस कंपनी को दिया गया है। दुर्ग और बस्तर संभाग को मिलाकर करीब 800 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था। इसके लिए एकमात्र कंपनी अदाणी ग्रुप का टेंडर आया था। एक ही कंपनी होने के कारण इसका टेंडर रद्द कर दिया गया।

बैलेंस कम होने के मैसेज तीन दिन पहले से आने लगेंगे

स्मार्ट प्रीपेड मीटर मोबाइल की तरह रिचार्ज होगा। जब तक रिचार्ज बैलेंस रहेगा, बिजली सप्लाई चालू रहेगी। जैसे ही बैलेंस खत्म होगा, तब से तीन दिन तक मोबाइल पर लगातार मैसेज आने लगेंगे। इसके बाद बिजली अपने आप कट जाएगी। फिर घर या दफ्तर की लाइट तब तक नहीं चलेगी जब तक मीटर को रिचार्ज नहीं किया जाएगा। कंपनी के अफसरों ने बताया कि मीटर को रिचार्ज करने के लिए टाटा कंपनी साफ्टवेयर डेवलप करेगी। बिजली कंपनी खुद रिचार्ज करेगी। इसके अलावा अन्य पेमेंट एजेंसियों को भी रिचार्ज के लिए एक्सेस दिया जाएगा। किसी भी प्लेटफार्म से मीटर रिचार्ज किया जा सकेगा।

रायपुर संभाग में 18.50 लाख मीटर
रायपुर संभाग के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में योजना अगले 10 वर्षों क्रियान्वित की जाएगी। कंपनी 18.60 लाख मीटर लगाएगी और उनका रखरखाव करेगी। पूरे प्रदेश में करीब 56 लाख प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। कंपनी के अफसरों के अनुसार चार हजार करोड़ से ज्यादा का काम होने के कारण तीन अलग-अलग टेंडर जारी किए गए थे। रायपुर संभाग सबसे बड़ा होने के कारण यहां के लिए सेपरेट टेंडर जारी किया गया था। बिलासपुर-सरगुजा और दुर्ग तथा बस्तर संभाग के लिए दो अलग-अलग टेंडर जारी किए गए। राज्य के 20 लाख बीपीएल वर्ग के उपभोक्ताओं के भी मीटर बदले जाएंगे।

सरकारी विभागों में सबसे पहले
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने अनुसार सबसे पहले सरकारी विभागों के साथ बड़े व्यापारिक संस्थानों में मीटर बदले जाएंगे। इसके बाद छोटे व्यापारिक संस्थानों में स्मार्ट मीटर प्रीपेड लगाए जाएंगे। घरेलू उपभोक्ताओं को इस योजना में सबसे अंत में शामिल किया जाएगा। इस योजना से एचटी वर्ग के उद्योगों और कृषि पंपों को अलग रखा गया है। एचटी वर्ग में स्मार्ट मीटर लगने से कनेक्शन को कट करना संभव नहीं होगा। इसलिए इनको अलग रखा गया है। 2025 तक मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

रायपुर में सेंटर जल्द ही शुरू

रायपुर में टाटा कंपनी जल्द ही अपना सेंटर शुरू करेगी। सेटअप और साफ्टवेयर तैयार होगा। इसके बाद स्मार्ट मीटर तैयार कर शहर में मीटर बदलने का काम शुरू हो जाएगा। इसमें थोड़ा समय लगेगा।

-मनोज खरे, एमडी पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी