तीजा पर्व पर विधायक ने घर-घर भिजवाया करेला, 25 साल से निभा रहे परंपरा
दो टन करेला मंगवाकर महिलाओं को बांटे एक-एक किलो के पैकेट, तीजा के "करू भात" की परंपरा को सहेजने का प्रयास
तीज पर्व की तैयारियों के बीच वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने अपनी 25 साल पुरानी परंपरा को इस वर्ष भी निभाया। सोमवार के निर्जला व्रत से पहले महिलाओं को "करू भात" की परंपरा निभाने में सहूलियत मिले, इसके लिए विधायक ने विधानसभा क्षेत्र में घर-घर एक-एक किलो करेला पहुंचवाया। इस वर्ष करीब दो हजार किलो करेला का वितरण कराया गया।
भिलाई नगर, 24 अगस्त। छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व के मौके पर "करू भात" की परंपरा को निभाना हर घर की खास तैयारी का हिस्सा होता है। इसी परंपरा को निभाते हुए वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने इस साल भी विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं तक नि:शुल्क करेला पहुंचवाया है। लगभग 25 वर्षों से लगातार इस परंपरा को निभा रहे विधायक सेन ने बताया कि इस बार उन्होंने करीब दो टन करेला मंगवाकर वार्डवार घर-घर भिजवाया है।
आपको बता दें कि तीजा पर्व पर महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं। व्रत से एक दिन पहले "करू भात" यानी करेला और चावल का सेवन किया जाता है। करेले की कड़वाहट को मन की शुद्धता का प्रतीक माना जाता है, वहीं इसमें मौजूद जल तत्व शरीर को प्यास से बचाने में सहायक होता है। चिकित्सकीय दृष्टि से करेला शरीर को विषमुक्त करने का गुण भी रखता है।
विधायक रिकेश सेन ने कहा कि जब वे पार्षद थे, तभी से उन्होंने यह परंपरा शुरू की थी। "तीजा के समय अचानक करेला महंगा हो जाता है। इस बार भी बाजार में इसकी कीमत 50 से 80 रुपये किलो तक पहुंच गई है। ऐसे में तीज व्रत करने वाली माता-बहनों को दिक्कत न हो, इसलिए मैं हर साल नि:शुल्क वितरण करता हूं।"
सोमवार को उपवास से पूर्व सभी महिलाएं "करू भात" का सेवन करेंगी। इसी उद्देश्य से विधायक ने तीज व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए एक-एक किलो करेला का पैकेट रवाना करते हुए उनके अनुष्ठान की सफलता की कामना की।