दुर्ग में 2-3 हजार गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन, जिला प्रशासन ने की थी विशेष व्यवस्था

दुर्ग में 2-3 हजार गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन, जिला प्रशासन ने की थी विशेष व्यवस्था

दुर्ग जिले में पिछले तीन दिनों से गणेश प्रतिमा का विसर्जन चल रहा है, लेकिन मंगलवार को जिले के बड़े पंडालों की मूर्तियों का भव्य विसर्जन दुर्ग के शिवनाथ नदी तट पर किया गया। विसर्जन में होने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। साथ ही दुर्ग बप्पा के जयकारों से गूंजता रहा।

शिवनाथ नदी में बड़ी प्रतिमा के विसर्जन के लिए जहां क्रेन की व्यवस्था की गई थी। वहीं छोटी मूर्तियों के लिए तैरने वाली समतल नाव बनाई गई थी। 2 नाव भी तैयार की गई थीं। इन्हें रस्सी से बांधा गया था। इसमें श्रृद्धालु अपने घरों की छोटी प्रतिमा को लेकर सवार होते। इसके बाद उन्हें रस्सी से खींचकर बीच नदी में ले जाया जाता।

जब नाव बीच नदी में पहुंचती तो लोग पूजा पाठ करने के बाद गणेश प्रतिमा को पानी में तीन बार डुबाकर विसर्जित कर रहे थे। इसी तरह जो बड़ी प्रतिमा आ रही थीं। उनके विसर्जन के लिए क्रेन लगाई गई थीं। क्रेन के जरिए प्रतिमा को उठाकर बीच नदी में विसर्जित किया जा रहा था। मंगलवार को सुबह से ही विसर्जन के लिए लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। यह सिलसिला पूरी रात चलता रहा। सुबह से लेकर शाम तक कम से कम 2-3 हजार छोटी बड़ी गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन शिवनाथ नदी में किया गया। इस दौरान भक्त रंग गुलाल उड़ाकर बप्पा के जयकारे लगाते रहे। पूरा शहर भक्ति के रंग में डूबा हुआ दिखा।

शिवनाथ नदी के साथ ही जिले के तालाबों में भी प्रतिमा विसर्जन करने वालों की काफी भीड़ लगी रही। लोग सुबह से तालाब में विसर्जन के लिए पहुंच रहे थे। इस दौरान किसी तरह की कोई अनहोनी ना हो इसके लिए पुलिस की ड्यूटी भी वहां लगाई गई थी।

शिवनाथ नदी में शाम को भीड़ बढ़ने पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पुलिस के जवानों द्वारा को नदी से दूर रखा गया। उन्हें नदी के किनारे गणेश पूजा करने के बाद दूर किया गया और फिर विसर्जन क्रेन के द्वारा कराया गया। इस दौरान पुलिस विभाग और जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी वहां मौजूद रहकर व्यवस्था की निगरानी करते दिखे।