परिवर्तन महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती गीता राजपूत के हाथों में आई हुनर से महिलाओ में बही परिवर्तन की बयार

दुर्ग. परिवर्तन महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने आज भीड़ में अलग पहचान बनाने में सफल हो रही है। समूह की महिलाओं की हाथों में हुनर है और वैज्ञानिक तथा तकनीकि कामों में दक्ष हो गई है। इस हुनर से समूहों को अलग पहचान मिल रही है। विगत दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने भेट मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होने दुर्ग पहुंचे थे .
इस दौरान परिवर्तन महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष गीता राजपूत ने समूह के बारे में विस्तृत जानकारी दी । वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गीता राजपूत की बेबाकी से बेहद गदगद नजर आए , जो काफी दिनों तक चर्चा का विषय बना रहा । आपके बता दे कि दुर्ग जिले के बघेरा निवासी गीता राजपूत की अध्यक्षता में स्व सहायता महिला समूह परिवर्तन संचालित हो रही है । उनके नेतृत्व में महिला समूह के सदस्यो के जीवन में परिवर्तन की बयार बह रही है । इस समूह की महिलाए कई तरह की प्रोडक्ट बना रही है ।
धान का दुल्हन सेट , धान का बैच, गोबर का दिया , गणवेश सिलाई , रंगोली , तिली के लड्डू , वाशिंग पावडर, हर्बल गुलाल, धूपबत्ती , फिनाइल , मौली धागा की राखी , धान की राखी , चावल की राखी , रुद्राक्ष की राखी , गोबर की राखी आदि । परिर्वतन महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष गीता राजपूत ने बताया कि स्व सहायता समूह के एक एक समूह में 10 से 12 सदस्य जुड़े हुए है ।
हमारी महिला स्व सहायता समूह के माध्यम बहुत सारी महिला समूह का गठन हुआ है इसमें हर समूह में कुछ न कुछ बनाने का काम चल रहा है । हमारा जो एक समूह है उसमे स्वास्थ केन्द्र बघेरा में पीएससी में खाना सप्लाई होता था । मरीजों के लिए हमारी समूह में गणवेश सिलाई भी किया गया था । प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी से लेकर दीपावली तक रंगोली का कार्य भी किया जाता है ।
गीता राजपूत ने आगे बताया कि जनवरी माह में तिली लड्डू बनाया जाता है अभी सिलाई का कार्य चल रहा है ध्वज सिलाई के साथ ही होली में हर्बल गुलाल भी बनाया गया था । धूपबत्ती का निमार्ण भी किए है और हमारी एक और समूह है जो वाशिंग पावडर भी बना रही है । अब हम चाहते है कि हमारा प्रोडक्ट मार्केट तक पहुंचे। और सभी महिलाए कई तरह के प्रोडक्ट का निर्माण कर अपने आय का जरिया दुगुना बना सके। हमारा प्रयास है हर महिलाओ को आत्मनिर्भर करना है और उनके लिए आय का जरिया उत्पन्न करना है.